
उरई, जालौन। ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी सुविधाओं की तर्ज पर विकसित करने के लिए यूपी सरकार प्रोत्साहन के साथ-साथ भरपूर बजट मुहैया करा रही है। वावजूद इसके अभी भी कई गांव ऐसे हैं जो कि विकास से कोसों दूर हैं। ऐसी ग्राम पंचायतों के लिए जालौन की एक ग्राम पंचायत ऐसी है जो कि पिछड़ी ग्राम पंचायतों के लिए नजीर बन चुकी है। गांव में करवाए गए विकास कार्य यह दर्शाते हैं कि कैसे सरकारी धन का उपयोग कर एक पिछड़े गांव को शहरी तर्ज पर विकसित किया जा सकता है।
जब गांव में विकास कार्य होंगे तो उसे प्रोत्साहन मिलना भी लाजिमी है। लिहाजा इस ग्राम पंचायत को सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। साथही 26 जनवरी को दिल्ली में पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।
जालौन के महेबा विकास खंड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सिम्हारा कासिमपुर पिछड़ी ग्राम पंचायतों के लिए नजीर बन चुकी है। इस गांव के विकास की बागडोर महिला ग्राम प्रधान के हाथों में है। ग्राम प्रधान दीप्ति आनंद राठौर मूलरूप से गुजरात की रहने वाली हैं। जिनका विवाह इस गांव के आनन्द राठौर से हुआ था। शादी के बाद गांव आई दीप्ति ने ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ा और वह जीत भी गईं। बदहाल पड़े गांव में विकास कार्य कराना उनके लिए चुनौती थी, लेकिन इस चुनौती को स्वीकार करते हुए उन्होंने गांव को शहरी तर्ज पर विकसित करने का बीड़ा उठाया और इस कार्य मे उनका साथ दिया उनके पति आनंद राठौर ने।
गांव के माहौल से भली भांति परिचित आनंद ने दीप्ती के साथ मिलकर गांव के विकास का एक ख़ाका तैयार किया। जिसके बाद आज यह ग्राम पंचायत रोल मॉडल बनकर उभरी है। गांव में किये गए विकास कार्य इस बात की तस्दीक करते हैं, कि काम कागजों में नहीं बल्कि धरातल पर भी किया गया है। गांव में बना पंचायत भवन किसी शहरी सरकारी कार्यालय से कम नहीं है। जहां पर ग्रामीणों को पेंशन से लेकर राशन तक और सामूहिक विवाह से लेकर बच्ची के जन्म ओर मिलने वाली सुविधाओं तक की कागजी कार्यवाही की जाती है। साथ ही साथ इसी पंचायत भवन में ग्रामीणों संग सामूहिक बैठक कर गांव के विकास की चर्चा भी की जाती है।
ग्राम प्रधान, प्रधान प्रतिनिधि, पंचायत भवन –
इस ग्राम पंचायत को शहरों की तरह सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया है। जिसकी निगरानी पंचायत भवन में वैठकर व मोबाइल पर की जाती है। कैमरों की वजह से कोई वही अराजकतत्व किसी भी प्रकार की अराजकता करने से पहले एकबार जरूर सोचता है। साथ ही कैमरों की वजह से गांव में चोरी की घटनाओं पर भी लगाम लगी है। वहीं इन कैमरों के साथ-साथ गांव में लाउडस्पीकर भी लगाए गए हैं। जिससे कि गांव में मुनादी व अन्य सूचनाएं ग्रामीणों तक आसानी से पहुँचाई जा सकें।
सीसी टीवी, लाउडस्पीकर, चौराहे पर बैठे ग्रामीणों के –

गांव में शहरी तर्ज पर सामयदायिक शौचालय बनाया गया है। इसके अलावा महिलाओं के लिए अलग से पिंक शौचालय का निर्माण कराया गया है। शौचालय की दीवारों पर बनाई गई कलाकृतियां लोगों को आकर्षित करतीं हैं। गांव के शौचालय की बनावट किसी शहरी सामुदायिक शौचालय से कम नहीं है। इसके साथ ही गांव में गंदगी का अंबार न लगे इसके लिए डोर-टू-डोर कचड़ा गाड़ी की भी व्यवस्था की गई है। जो कि घर घर जाकर के कचड़ा एकत्रित करती है। गांव में सामयदायिक शौचालय और कचड़ा गाड़ी की व्यवस्था देश के प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन के सपने को साकार करता नजर आता है।
गांव में ग्रामीणों को अच्छे स्वास्थ्य के प्रति प्रेरित करने और खेलकूद के लिए पार्क व ओपन जिम का भी निर्माण करवाया गया है। पार्क में टहलने व बैठने की व्यवस्था की गई है। वहीं शहरों की तर्ज पर गांव में ओपन जिम भी बनवाई गई है। जिम में लगाए गए उपकरणों के जरिये वर्कआउट किया जा सकता है। इसके साथ ही पार्क में स्वच्छता सम्बन्धी स्लोगन भी लिखे गए हैं। जिससे कि ग्रामीण स्वछता के प्रति प्रेरित हों।
जालौन की इस ग्राम पंचायत ने यह कर दिखाया है कि सरकारी धन का अगर सही योजना और द्रणसंकल्प के साथ उपयोग किया जाए तो गांव भी शहरों की तर्ज पर विकसित हो सकते हैं।
गांव में कराए गए विकास कार्यों की बदौलत ही इस ग्राम पंचायत को मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरुष्कार से लखनऊ में मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया। इसके साथ ही पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार द्वारा भी ग्राम पंचायत को सम्मानित किया गया।