मिश्रिख-सीतापुर। तहसील के उप जिलाधिकारी द्वारा बीते दिनों तहसील में कार्यरत महिला लेखपाल ज्योति सिंह के निलंबन को वापस लेने को लेकर उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ की उप शाखा मिश्रिख के लेखपाल आज तहसील में संघर्षशील होकर धरने पर बैठ गए।
तहसील के उपजिलाधिकारी को दिए गए ज्ञापन में लेखपालों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि लेखपाल ज्योति सिंह को बिना किसी गलती के साथ ही बिना उनका पक्ष जाने उप जिलाधिकारी पंकज सक्सेना द्वारा बिना कारण निलंबित कर दिया गया था। इस निलंबन को वापस लेने के लिए लेखपाल संघ के पदाधिकारियों ने बीते दिनो एक ज्ञापन सौपा गया था जिस पर उप जिलाधिकारी द्वारा आज तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
इसी के साथ लेखपाल कृष्णकांत तिवारी के मेडिकल पत्रावली प्रकरण ईडब्ल्यूएस, जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र आवेदन, कृषि गणना का वर्ष 2015 से बकाया मानदेय, क्राफ्ट कटिंग मानदेय के साथ ही लेखपाल को निलंबन अवधि का वेतन दिए जाने व दंड को समाप्त करने तथा वरासत पटेल में तकनीकी त्रुटियों के कारण आ रही डिफॉल्ट के परिणाम स्वरुप किसी लेखपाल को द्रवित न किए जाने की मांग जोरदार ढंग से उठाते हुए तहसील कार्यालय के समक्ष लेखपालों ने अपना अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
आपको बता दें कि लेखपालों के धरने पर चले जाने के कारण किसानों के कार्य बाधित हो रहे हैं। इस मौके पर पंकज कुमार, सूरज, संदीप, धीरज कुमार, विकास सिंह, नरेंद्र यादव, रविंद्रनाथ, रामकुमार, परिधारा ज्योतिसिंह, नीतू सिंह आदि लेखपाल धरने पर उपस्थित रहे। इस सम्बन्ध में जब उप जिलाधिकारी पंकज सक्सेना से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि शासन का निर्देश है कि कोई भी व्यक्ति ऐसा न रहे कि जिसकी मृत्यु हुई हो उसकी वरासत बची हो इस सम्बन्ध में कई बार कहा गया जिसके बाद भी इनके द्वारा लापरवाही बरती गई जिस कारण उन्हें निलंबित किया गया है।