सीतापुर : धान खरीद घोटाले में एक और बड़ी हुई कार्रवाई, पीसीयू के जिला प्रबंधक पर गिरी गाज

डीएम ने बनाई रणनीति, सौ कुंटल धान बेचने वाले किसानों की होगी जांच, एसडीएम करेंगे भौतिक सत्यापन


सीतापुर। धान खरीद घोटाले में जहां पीसीयू के जिला प्रबंधक पर शासन की गाज गिरी है और उन्हें यहां से हटा दिया गया है। वहीं डीएम ने नई रणनीति के तहत सरकारी क्रय केंन्द्रों पर सौ कुंटल से अधिक धान बेचने वाले किसानों की सूची तैयार कार्रवाई है। इस सूची के आधार पर डीएम धान बिक्री की जमीनी हकीकत परखेगें। जिले के एसडीएम भौतिक सत्यापन कर यह जानेंगे कि जिस किसान ने वास्तव में सौ कुंटल धान बेचा है उसने उतना धान बोया भी था या नही।

बताते चलें कि कि पीसीयू के जिला प्रबंधक कुलदीप वर्मा द्वारा धान खरीद में की जा रही अनियमितताओं को लेकर डीएम विशाल भरद्वाज ने उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने के लिए शासन को लिखा था। जिसके चलते शासन ने कुलदीप वर्मा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें हटा दिया है और उनके स्थान पर पंकज कुमार सिंह को कार्यभार सौंपा गया है। धान घोटाले में यह जिले में यह दूसरी सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है।

मालूम हो कि धान खरीद घेटाले की परत दर परत खुलती जा रही है। एक अक्तूबर से जनपद में धान खरीद शुरू हुई थी। महज ढाई माह में ही धान की खरीद लक्ष्य को पार करते हुए 152 प्रतिशत तक जा पहुंची। फिर भी किसान चिल्ला रहा कि उसका धान नहीं खराीदा गया। इस पर जिले के विधायक ज्ञान तिवारी ने जोर पकड़ा तो महज एक ही केंन्द्र पर हजारो कुंटल की हेराफेरी पाई गई। मुकदमा दर्ज हुआ, तीन लोग जेल भी चले गए। यह मामला शासन तक पहुंचा तो उसने सभी क्रय केंन्द्रों पर जांच के निर्देश दिए। जिसके आधार पर अब डीएम ने उन सभी ऐसे किसानों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं जिन्होंने क्रय केंन्द्रों पर सौ कुंटल या उससे अधिक धान बेचा है। इसमें धान बेचने वाले किसानों की वास्तविकता का पता लगाया जाएगा। कई बार ऐसा भी सामने आता है कि किसान एक ही समय में जमीन के बराबर धान भी बेचता है और अन्य फसलें भी लहरा रही होती हैं। बस इसी फार्मूले से बिचौलियों को पकड़ने की तैयारी है। विशेष अभियान चलाकर संबंधित किसानों का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। लेखपालों को भी सत्यापन की जिम्मेदारी दी गई है। इसके बाद जनपद स्तरीय अधिकारियों से भी सत्यापन कराया जाएगा। अगर उसमें पूर्व की जांच पर सवाल उठे तो संबंधित पर कार्रवाई तय है।

सत्यापन में भी होता है खेल
धान बिक्री से पहले तहसील से सत्यापन होता है इस सत्यापन में बड़ा खेल होता है लेखपाल से लगाकर उपजिलाधिकारी तक इस खेल में शामिल हैं क्योंकि तहसीलों में धान बिक्री की जिम्मेदारी एसडीएम पर है ऐसे में सत्यापन किस प्रकार होता है यह सभी जानते हैं लेखपाल को खुश करके किसान सत्यापन कराते हैं वही क्रय केंद्र प्रभारी तहसीलों में अफसरों व कर्मियों को खुश करके सत्यापन करा लेते हैं। सूत्रों की माने तो धान खरीद का खेल कागजों पर चलता है कागज पर ही धान खरीदा जाता है वह कागज पर ही मिलों को भेजा जाता है शायद जांच के दौरान विधायक ज्ञान तिवारी जब यह कह रहे थे कि क्रय केंद्र पर गाडि़यां नहीं आई है 24000 कुंटल धान कैसे मिलो को गया शायद इस खेल में बहुत बड़े लोग शामिल हैं जो कागजों पर ही धान का खेल कर देते हैं।

जब फसल ही नष्ट हो गई तो धान कैसे बिका
जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों में काफी धान फसल बर्बाद हुई वही बेमौसम बारिश की मार से काफी फसल नष्ट हुई है जिन खेतों की फसल नष्ट हुई है उनको सहायता राशि शासन के निर्देश पर प्रशासन ने उपलब्ध कराई है। अब जांच में यह भी देखा जाएगा कि नष्ट हुए खेत का धान कहीं केंद्रों पर नहीं बेचा गया जब फसल नष्ट हो गई तो वहां का धान केंद्र पर कैसे बिक सकता है रामपुर मथुरा व रेउसा इलाके में बहुत सा धान ऐसे खेतों का भी केंद्रों पर बेचा गया है।

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