सीतापुर : सतुवाही अमावस्या पर्व पर नैमिष तीर्थ में दिखा आस्था का संगम

नैमिषारण्य-सीतापुर। आज वैशाख मास की सतुवाही अमावस्या का संयोग शनिवार के दिन मिलने के पावन पर्व पर हिन्दू धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र नैमिषारण्य के पावन चक्रकुंड और गोमती नदी में शनिवार को सुबह 3 बजे से लेकर देर शाम तक बड़ी संख्या में पूरे दिन श्रद्धालुओं ने पौराणिक चक्र तीर्थ व आदि गंगा गोमती के तट पर स्नान किया और पूजन के बाद सेतुआ के साथ दक्षिणा का दान दिया , इसके बाद श्रद्धालुओं ने यहां के मंदिरों व मठों में जाकर पूजन-अर्चन कर ब्राह्माणों व कन्याओं को दक्षिणा व सतुवा दान किया।

सतुवाही अमावस्या पर्व पर लोगों ने किया सत्तू का दान

इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने विधानसहित पीपल के पेड़ की पूजा अर्चना की वहीं पिंडदान , तर्पण , श्राद्ध , आदि पितृकर्म भी किये हर अमावस्या की तरह आयोजित मेले में बड़ी संख्या में आस-पास के दुकानदारों ने अपनी दुकानें लगाईं , शनिवार सुबह तीन बजे से ही नैमिषारण्य में श्रद्धालुओं के आगमन का सिलसिला शुरू हो गया था जो शाम 7 बजे तक अनवरत जारी रहा।

लाखों श्रद्धालुओं ने किया तीर्थ में स्नान दर्शन पूजन

श्रद्धालुओं ने चक्रकुंड से लेकर आदि गंगा गोमती नदी में स्नान करने के बाद आदि शक्ति मां ललिता देवी मंदिर, सूत गद्दी , देव-देवेश्वर मंदिर, हनुमान गढ़ी, कालीपीठ , व्यास गद्दी , देवपुरी आदि मंदिरों में जाकर माथा टेका और पूजा-अर्चना कर मनौतियां मांगी , इस मौके पर श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में धार्मिक परम्परा के अनुसार ब्राह्माणों व कन्याओं को सतुवा दान कर दक्षिणा दी आज मेले में जगह-जगह सतुवा की दुकानें लगी रहीं।

” जमकर बिका सत्तू “

पौराणिक मान्यता के अनुसार वैसाख माह की अमावस्या को सतुवाही अमावस्या के रूप में भी जाना जाता है और इस पर्व पर सूर्य की बढ़ती तपिश से राहत के लिए सत्तू दान का विशेष महत्व रहता है ऐसे में नैमिष में जौ का सत्तू 60 से 80 रुपये प्रति किलो, चने का सत्तू 80 से 120 रुपये प्रति किलों की दर से बिका , आज के दिन नैमिष तीर्थ में कई जगह सत्तू बिकता दिखा ।

” पेयजल की रही किल्लत “

हर बार की तरह इस बार भी ये अमावस्या पर्व अव्यवस्थाओं से अछूता नही रहा , गर्मी के इस मौसम में जहां चक्रतीर्थ पर बंद पड़े वाटर कूलर श्रद्धालुओं को मुंह चिढ़ाते दिखे , वही यहाँ मौजूद एकमात्र हैंड पाइप व टँकी के पानी ने श्रद्धालुओं की प्यास बुझाई। मेले में पीने के पानी की समुचित व्यवस्था न होने से श्रद्धालुओं को खासी मशक्कत करनी पड़ी ।

तीर्थ की सीढ़ियों पर लगी काई से लोग हुए परेशान

चक्रतीर्थ की सीढ़ियों पर काफी दिनों से काई लग चुकी है जिसके चलते आए दिन यात्री फिसल कर गिरते हैं , चोटिल होते हैं , पर इन सबसे जिम्मेदारों को फर्क नहीं पड़ रहा है शुक्रवार को भी डीएम ने तीर्थ परिसर का निरीक्षण किया था उसके बाद भी तीर्थ की सीढ़ियों पर काई की समस्या दूर नहीं हो सकी है।

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