सीतापुर: वैशाख पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने किया चक्रतीर्थ व गोमती स्नान


नैमिषारण्य-सीतापुर। वैशाख पूर्णिमा के पावन पर्व पर आज प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थ नैमिषारण्य में पूरे दिन गृह जनपद समेत देश के विभिन्न प्रान्तों से आये श्रद्धालुओं द्वारा स्नान दर्शन पूजन का क्रम चलता रहा। नैमिष स्थित चक्र तीर्थ के साथ गोमती नदी के राजघाट, दशाश्वमेघ घाट, देवदेवेश्वर घाट पर सुबह 4 बजे से ही श्रद्धालुओं ने स्नान का दौर शुरू कर दिया था। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने परम्परा के अनुसार सूर्य को अर्घ्य देकर गोमती नदी का पूजन कर दीप भी प्रवाहित किये। इस दौरान धार्मिक मान्यतानुसार तीर्थ पूजन, गोमती पूजा, तुलसी पूजा, सत्यनारायण वृत कथा, श्री विष्णु सहस्त्रनाम पाठ, सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा पाठ आदि धार्मिक अनुष्ठानों का दौर चलता रहा।

मान्यता है कि इस दिन लक्ष्मी मां की भी पूजा की जाती है इस दिन बुद्ध पूर्णिमा भी मनाई जाती है। आज के दिन गोमती, गंगा, यमुना, नर्मदा, कावेरी आदि पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। ऐसी मान्यता है जो भी इस दिन इन पवित्र नदियों में स्नान, दान आदि कर्म करता है उसके पिछले कई जन्मों के पापों से उसे मुक्ति मिल जाती है। आज भक्तो द्वारा तीर्थ के प्रमुख मन्दिरों माँ ललिता देवी, सूतगद्दी, व्यासगद्दी, हनुमान गढ़ी, देवदेवेश्वर, कालीपीठ आदि में देर शाम तक दर्शन पूजन का दौर चलता रहा। इस अवसर पर तीर्थ के मंदिरों में भी कई प्रकार के पूजा अनुष्ठान, भंडारे आयोजित किये गए। वही तीर्थ में कई जगह प्रसाद वितरण का भी दौर चलता रहा।
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खूब गर्मी बढ़ाएगा ‘नौतपा’ का संयोग

ज्येष्ठ मास की शुरुवात के नौ दिन के संयोग को नौतपा कहते है। सूर्य सिद्धांत के साथ ही श्रीमद् भागवत कथा में भी नौतपा का उल्लेख है। सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश के नौ दिन बहुत गर्म रहते हैं। उस दौरान दिन की अवधि भी 13 घंटे 35 मिनट की रहेगी। शुरुआत के पांच दिन तेज गर्मी पड़ने और अधिकतर शहरों में तापमान तीन से चार डिग्री अधिक (43 से 44 तक) रहने के आसार हैं। इसके बाद आंधी-वर्षा योग बनने से नौतपा खंडित होगा। यह संयोग आगामी वषार्काल को प्रभावित करने के योग बनाएगा।

वषार्काल में रोहिणी का वास संधि में रहने से खंडवृष्टि के भी योग रहेंगे। वैज्ञानिक मान्यता के अनुसार भी मई के अंतिम सप्ताह में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी सबसे कम होती है इसलिए भीषण गर्मी पड़ती है। इस बार सूर्य देव 25 मई को सुबह 03 बजकर 16 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसकी अवधि 15 दिनों की होती है लेकिन इसके शुरू के 9 दिनों में तेज गर्मी पड़ती है।

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