सीतापुर। महोली में शुक्रवार की देर रात से शुरू हुई बारिश सोमवार तक जारी रही। यह बारिश खासकर गन्ना व धान की फसल के लिए संजीवनी से कम नही है। वहीं पिछले काफी दिनों से मौसम के तापमान का ग्राफ लगातार बढ़ रहा था। ऐसे में जनजीवन काफी अस्तव्यस्त था। लगातार तीन दिन हुई तेज बारिश से आमजन ने चैन की सांस ली। मौसम के तापमान में भी काफी गिरावट आई। जिससे तपती धूप व उमस भरी गर्मी से राहत मिली। बारिश का मौसम लोगों के लिए काफी सुहावना होता है। किसानों के लिए भी ये मौसम काफी लाभकारी रहता है।
गन्ने की फसल के लिए संजीवनी से कम नहीं वर्षा
बात महोली इलाके की करे तो इस इलाके में 90 फीसद से अधिक किसानों ने गन्ने की फसल बोई है। फसल की सिंचाई के लिए बारिश से बेहतर कोई विकल्प नही है। अन्य संसाधनों से की गई सिंचाई महज एक वैकल्पिक व्यवस्था रहती है। किसान बताते हैं फसल बोने के बाद निर्धारित समय पर सिंचाई करनी पड़ती है। किसान प्राथमिकता के तौर पर बारिश होने का इंतजार करते हैं। बारिश न होने पर उन्हें अन्य विकल्प अपनाने पड़ते हैं। जिससे किसानों की उपज में कमी आती है और कीटनाशक दवाओं का अधिक प्रयोग करना पड़ता है। वहीं बारिश के पानी से कीट आदि लगने का खतरा कम रहता है। इसलिए किसान बारिश के पानी को ही सिंचाई के लिए सर्वोत्तम मानते हैं।
बदलते मौसम से आमजनों ने ली राहत की सांस
इस बार मानसून करीब एक सप्ताह देरी से आया था। बाद उसके भी बारिश में देरी होने पर किसानों के चेहरे पर चिंता की रेखाएं उभर आई थी। अधिकांश किसान असमंजस में थे कि वह पम्पिंग सेट से सिंचाई करें अथवा बारिश का इंतजार करें। मानसून मे देरी की वजह से अधिकांश किसानों ने पम्पिंग सेट से सिंचाई कर डाली थी। वहीं कुछ किसान अभी भी बारिश का इंतजार कर रहे थे। हालांकि ये बारिश दोनों तरह के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। किसान मानते हैं बारिश से फसल की सिंचाई ही बेहतर विकल्प है।
क्या कहते हैं किसान
महसुनिया गंज मोहल्ले के मनीष सिंह की दो एकड़ जमीन है। उन्होंने गन्ने की फसल बोई है। वह सिंचाई के लिए बारिश का इंतजार कर रहे थे। मानसून की पहली बारिश ने उनकी उम्मीदों में जान डाल दी है। ये बारिश गन्ने की फसल के लिए किसी संजीवनी से कम नही है। बारिश ने उनके चेहरे की मुस्कान लौटा दी है। कलवारी गाँव के किसान महराज सिंह यादव के पास पांच एकड़ भूमि है। जिसमें उन्होंने गन्ने की फसल उगाई है। पिछले एक सप्ताह से बारिश के लिए रोजाना निराश मन से बादलों की ओर निहारते थे। अंततः ईश्वर ने उनकी फरियाद सुनी और लगातार दो दिन बारिश हुई।