नैमिषारण्य-सीतापुर। प्रदेश सरकार नैमिषारण्य तीर्थ को इसकी गरिमा के अनुरूप वैदिक सिटी के रूप में विकास को प्रतिबद्ध है। भविष्य में प्रदेश सरकार के अथक प्रयासों से नैमिषारण्य तीर्थ धार्मिक पर्यटन का हब बनेगा, इसलिए यहां जो भी विकास कार्य कराए जाएंगे वो भविष्य की पर्यटन संभावनाओं और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए ही सम्पन्न होंगे। इस बैठक के माध्यम से जो भी निष्कर्ष निकल कर सामने आया है उसे सम्बंधित विभाग प्रस्ताव में संशोधित रूप में शामिल कर प्रोजेक्ट के रूप में प्रस्तुत करें, ताकि जल्द से जल्द विकास कार्य तेजी पकड़ सके।
नैमिषारण्य विकास प्रोजेक्ट की हुई प्रस्तुति, मंत्री ने लगाई मुहर
उपरोक्त बातें आज मिश्रिख तहसील सभागार में प्रदेश सरकार के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने जनप्रतिनिधियों, विभिन्न विभागों के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहीं। इस बैठक में पर्यटन विभाग ने नैमिषारण्य तीर्थ के भव्य विकास कार्यों को लेकर स्लाइड शो के माध्यम से प्रोजेक्ट की प्रस्तुति की। लखनऊ की एकेटीयू फर्म द्वारा बनाये गए इस प्रोजेक्ट को राहुल जाधव ने वीडियो के माध्यम से प्रस्तुत किया। इस प्रोजेक्ट में नैमिषारण्य तीर्थ की आध्यात्मिक पहचान को ध्यान में रखते हुए प्राचीन ललिता देवी मंदिर के प्रांगण का विस्तार और सौंदर्यीकरण, माँ ललिता देवी मंदिर से राजघाट तक कॉरिडोर निर्माण, चक्रतीर्थ की इंट्री पर भव्य गेट, चक्रतीर्थ के स्वरूप को और भी आकर्षक बनाने, तीर्थ के परिसर को बढ़ाने के साथ ही छोटे तीर्थों को जोड़कर एक अन्य तीर्थ बनाने की बात कही गई।
हेलीपोर्ट की मिलेगी सुविधा, 12.12 हेक्टेयर भूमि पर वेदारण्यम का है प्लान
इस दौरान माँ ललिता देवी मन्दिर के पास स्थित पंचप्रयाग मन्दिर को हटाकर एक भव्य धार्मिक आइकॉन बनाने का मॉडल रखा गया। बैठक में राज्यमंत्री के साथ ही एमएलसी पवन सिंह चैहान, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रद्धा सागर, मिश्रिख विधायक रामकृष्ण भार्गव, सेवता विधायक ज्ञान तिवारी, सिधौली विधायक मनीष रावत, भाजपा जिला अध्यक्ष अचिन मेहरोत्रा, मिश्रिख ब्लाक प्रमुख रामकिंकर पांडेय, जिला पंचायत सदस्य शिव कुमार गुप्ता, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष मुनींद्र अवस्थी के साथ ही सीतापुर डीएम अनुज कुमार सिंह, एसपी घुले सुशील चन्द्रभान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
इन प्लान पर होगा कार्य
ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की आवक देते हुए ट्रैक्टर पार्किंग की भी व्यवस्था की जाएगी। तीर्थ में सरकारी जमीनों को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाएगा। नैमिषारण्य तीर्थ में जिन जमीनों के सरकारी पट्टे किए गए है उनको निरस्त कर नैमिष के विकास कार्यों में प्रयोग किया जाए। हेलीपोर्ट का जल्द से जल्द निर्माण कराया जाए। 12.12 हेक्टेयर में नैमिष तीर्थ की आध्यात्मिक गरिमा के आधार पर 88000 पौधों का पौधारोपण किया जाएगा।
नैमिष दर्शन के दौरान मालाकार व पुरोहितों ने मंत्री से किया निवेदन
पर्यटन मंदिर जब नैमिषारण्य तीर्थ के ललिता देवी मंदिर और चक्रतीर्थ प्रदर्शन करने पहुंचे तो यहां के मालाकार व पुरोहितों ने मंत्री से जमीन अधिग्रहण के बारे में नीति स्पष्ट करने और स्थानीय लोगों की आजीविका को देखते हुए निर्णय लेने का निवेदन किया।