सीतापुर। दि यू० पी० राईस मिलर्स एसोशिएसन की वार्षिक आम सभा का आयोजन लखनऊ में किया गया। जिसमें धान मिलों द्वारा विभिन्न मुददों पर चर्चा हुई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बृजेश पाठक, उपमुख्यमंत्री शामिल हुए। कार्यक्रम में प्रदेश के लगभग 500 राईस मिलर्स ने भाग लिया। अध्यक्ष ने उपमुख्यमंत्री के समक्ष राईस मिलर्स में आने वाली समस्याओं पर चर्चा की।
सरकार धान खरीद कर चावल मिलों को कुटाई कार्य हेतु देतीं है। 100 कि० ग्रा० धान के बदले 67 कि० ग्रा० चावल मिलर्स से लेती है, 67 कि० ग्रा० चावल की रिकवरी नहीं बैठती है। पिछले वर्षों में सरकार द्वारा प्रदेश के कई स्थानो पर धान की टेस्ट हलिंग करायी गयी उसकी रिकवरी (55 से 56 प्रतिशत) कम निकली है, जिसे सरकार द्वारा सार्वजनिक नहीं किया गया। सरकार द्वारा मिलर्स को धान कुटाई के मद में 40 वर्षों से 10 रुपये प्रति कुन्तल दिया जा रहा है जबकि वेतन, लेबर चार्ज, बिजली दर, मशीनरी मूल्य, जमीनों का सर्कल रेट, गोदाम निर्माण लागत आदि में कई गुना वृद्धि हो चुकी है आज अच्छी गुणवत्ता का चावल बनाने हेतु आधुनिक मशीनों जैसे ड्रायर व सारटेक्स मशीनों द्वारा धान की कुटाई, फोर्टिफाईड राईस कर्नेल के मिक्सिंग का कार्य मशीनों द्वारा किया जा रहा है।
इस कार्य में लगभग 200 रुपया प्रति कुंन्तल की दर से खर्चा आ रहा है इससे चावल उद्योग को लगातार घाटा उठाना पड़ रहा है इसलिए मिलर्स को प्रोत्साहन राशि 30 रुपये से बड़ा कर 200 रुपये होना चाहिए। सरकार खरीद का कार्य किसानों का अंगूठा लगा कर उनके आधार कार्ड का वेरीफिकेशन करा कर किसान के बैंक खाते की पासबुक की फोटोकापी आदि का सत्यापन किसान के मोबाइल नं० से कर के किसान को उनकी उपज का समर्थन मूल्य सीधे उनके खाते में कराया जा रहा है। ऐसी स्थिति में किसानो को कोई नुकसान नहीं होगा अतः राईस मिलों को भी एजेन्सियो की तरह खरीद में शामिल किया जाए जिससे अधिक से अधिक किसानो को उनकी उपज का समर्थन मूल्य प्राप्त होगा।
पी०सी०एफ०, एन०सी०सी०एफ०, नेफेड एवं यू०पी०एस०एस० आदि एजेन्सियो द्वारा लगभग 10 वर्षों से मिलर्स का कुटाई, सूखन, गनी बैग यूजेज चार्ज एवं मॅटीनेन्स, प्रोत्साहन आदि मदों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। प्रशासन के अधिकारी मिलर्स से दवाब डालकर कार्य कराते है लेकिन भुगतान के विषय में मुख्य सचिव तक से मीटिंग करने के बाद भी नतीजा नहीं निकलता है जिससे मिलर्स को भारी आर्थिक नुकसान है । सरकार पी० सी० एफ० एजेन्सी को खरीद में शामिल नही करना चाहिए। फोर्टिफाइड राईस कर्नेल को साधारण चावल में सम्मिश्रण के लिए सरकार द्वारा 4 रुपये 21 पैसे प्रति कुंन्तल का भुगतान मिलर्स को किया जाता है । फोर्टिफाइड राईस कर्नेल को साधारण चावल में सम्मिश्रण करने पर लगभग 30 रुपये प्रति कुंन्तल का खर्चा आता है ।