सीतापुर। भारतरत्न बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर की जयन्ती के अवसर पर कलेक्ट्रेट सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिलाधिकारी अनुज सिंह, अपर जिलाधिकारी रामभरत तिवारी सहित अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया। बाबा भीमराव अम्बेडकर जयंति संविधान के रचयिता के सदस्य के रूप में हम जानते हैं। उन्हीं की याद में आज इनका जन्मदिन मनाया जाता है।
जिलाधिकारी ने कहा कि बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर एक सामान्य परिवार से थे, इनका विभिन्न कष्ट एवं संघर्षाे के साथ बचपन बीता। बाबा साहब में शहनशीलता बहुत थी, वह जीवन में समस्याओं का सामना करते हुए देश के सबसे ज्यादा शिक्षित व्यक्ति के रूप में पहचान बनी। उन्होंने कहा कि दलित अवधारणा के माध्यम से राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक आदि क्षेत्रों में विकास एवं उत्थान बाबा के की सोच व उनके प्रयास से सफल हुआ।
संविधान की खूबसूरती आज भी बनी है। सभी का प्रयास हो कि दिन में एक काम बहुत अच्छा होना चाहिए। महिलाओं के विकास में बाबा साहब की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, हम सब को बाबा साहब से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी निर्बल परिवार के एक बच्चे की सही दिशा में की गई मदद उस बच्चे के परिवार का भविष्य संवार देता है। सभी का प्रयास होना चाहिए कि प्रत्येक बच्चे की किसी न किसी तरह मदद करे, सभी के भावों का सम्मान करें। कोई ऐसा काम नही करेंगे जिससे किसी की भावनाएं आहत हो।
कलेक्ट्रेट परिवार के सदस्यों ने अपने-अपने विचार बाबा साहब के प्रति व्यक्त किये। सभी के द्वारा बाबा साहब के जीवन संघर्ष पर भी प्रकाश डाला गया। बाबा साहब द्वारा शिक्षा पर किये गए कार्याे पर भी चर्चा की गई। लोकतंत्र की समानता आदि पर भी प्रकाश डाला गया तथा उनकी बिना भेदभाव की नीति की सराहना की गई। कलेक्ट्रेट परिवार की महिला कर्मचारियों ने भी बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर के संघर्षों, उनकी शिक्षा व समाज के लिए किए गए कार्याे पर अपने विचार व्यक्त किया। सबको शिक्षा, सबको अवसर को आगे बढ़ाने का सभी ने संकल्प लिया। बाबा साहब के वृतांत से शिक्षा मिलती है कि हम लोग जो पूरे मनोभाव से सोचते हैं वह साकार जरूर होता है।
प्रशासनिक अधिकारी नीरज अग्निहोत्री ने कहा कि संविधान के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले बाबा साहब जैसे महापुरुष की शिक्षा सभी के लिए अनुकरणीय है। बाबा साहब द्वारा दी गई शिक्षा हमारे संविधान की खूबसूरती को प्रखर कर रही है। हम सभी का कर्तव्य है कि जो हमसे हो सके वह समाज के लिए अवश्य करें। जे बाबू आलोक ने कहा कि विश्व का सबसे अच्छा संविधान भारत का माना जाता है। संविधान में जो मुख्य संकल्पना की गई थी कि सभी का उत्थान करना है, सभी को शिक्षित करना है, बड़ी बात कहा कि हम सब मिलकर देश को विकासशील देश बनाए।