सीतापुर : मुख्यमंत्री की दहलीज पर जाएगा जमीन घोटाला

सेउता विधायक ने जमीन घोटाला की पर्ते उधेड़ने को ठोंकी ताल, सोमवार को मुख्यमंत्री से मिलकर सौंपेगे प्रपत्र
सीतापुर। जिले का चर्चित जमीन घोटाला अब मुख्यमंत्री की दहलीज पर जाएगा। इसके लिए सेउता विधायक ने पूरी तरह से भ्रष्टाचार की पर्ते उधेड़ने के लिए ताल ठोंक दी है। वह सोमवार को सीएम से मिल उन्हें पूरी जानकारी दें प्रपत्र सौपेंगे।
जानिए क्या है पूरा मामला 
बताते चलें कि शुक्रवार को जिला प्रभारी मंत्री रीता बहुगुणा जोशी की मौजूदगी में जब जिला योजना समिति की बैठक चल रही थी तब सेउता विधायक ज्ञान तिवारी ने यह कहते हड़कंप मचा दिया था कि बिसवां तहसील क्षेत्र के गोलोक कोडर में बाढ़ पीडि़तों के लिए दो किसानों से जो बीस बीघा जमीन खरीदी गई थी उसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ है।
उन्होंने दो शपथ पत्र मंत्री को देते हुए कहा था कि लालजी व रामाधार पुत्रगण झुर्री निवासी पासिनपुरवा मजरा गोलोक कोडर रगना कोण्डरी तहसील बिसवां से बीस बीघा जमीन खरीदी गई थी। यह जमीन दोनों किसानों से साठ हजार रूप्या प्रति बीघा तय की गई थी जबकि शासन को कुल तेईस लाख बताया गया और उतना ही भुगतान कराया गया। यही नहीं शासन से आए भुगतान को किसानों को देने के लिए रेउसा स्थित बैक की बजाए बिसवां में स्थित एचडीएफसी बैक में खाता खुूलवाए गए।
किसानों द्वारा शपथ पत्र में कहा गया है कि उनके खातों पर चेकबुक तथा एटीएम भी बनवाया गया था। यह सब कागज की खानापूर्ति कराने के नाम पर किया गया। विधायक ने बताया कि किसानों को जब पैसा पूरा नहीं मिला और उधर तेइस लाख रूप्या में से तहसीलदार ने 11 लाख रूप्या निकाल लिया तब पासबुक और एटीएम दिया। खाता से 11 लाख रूप्या निकला है इसकी जानकारी किसानों को तब हुई जब उन्होंने अपनी पासबुक देखी। तब वह विधायक से मिल पूरी जानकारी दी।
जिस पर विधायक ने दोनों किसानों से शपथ पत्र लेकर मामला गत दिवस बैठक में उठाया। जिस पर श्रीमती जोशी ने तहसीलदार को हटाकर जांच कराने तथा रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। मगर जब शनिवार को मामला ढीला देखा तो विधायक श्री तिवारी ने बताया कि अ बवह सोमवार को मुख्यमंत्री से मिलेगे और किसानों को उनके सामने पेश कर सारी सच्चाई सामने रखेगे।
माइनेज करने में लगे हुए है दलाल
विधायक की इस कार्रवाई से पूरंे प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। आलम यह है कि तहसीलदार समेत उनके अन्य सहयोगी मामले को दबाने में लग गए है। सभी लोग किसानों से संपर्क साधे हुए है तथा उनसे मामले को खत्म करने के लिए दबाब बना रहे है। यही नहीं सूत्र बताते हैं कि तहसीलदार तथा उनके सहयोगी पूरा पैसा वापस करने के लिए तैयार है मगर किसानों ने फरेब करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की ठान ली है।
पूर्व में खरीदी गई जमीन की भी कराएंगे जांच
अब मामला खुला है तो इसकी और भी पर्ते उधेडने की तैयारी कर ली गई है। सेउता विधायक ने एसडीएम बिसवां को पत्र लिखकर पूर्व में बाढ़ पीडि़तों को बसाने के लिए खरीदी गई और भी जमीन का ब्यौरा मांगा है। श्री तिवारी ने बमाया कि जब तेईस लाख में इतना बड़ा घोटाला हुआ है तो उससे पहले तो दस करोड़ रूप्ये के आसपास की जमीन खरीदी गई है जरा अंदाजा लगाइए उसमें कितना बड़ज्ञ घोटाला हुआ होगा। उन्होंनंे कहा कि वह योगी और मोदी जी के पदचिन्हों पर चल रहे है। इस घोटाले की पर्तै उधेड कर रहेंगे। यह पैसा गरीबों का औनर सरकार का है जिसने जिसने भी मिलकर खाया है सभी को सजा दिलाएंगे और जेल भिजवाएंगे।
 क्या कहते है अधिकारी
एडीएम विनय कुमार पाठक से जब इस बावत जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि मंत्री द्वारा जांच के निर्देश हुए है। मामले की जांच की जाएगी। अगर वास्तव में घोटाला हुआ है या गड़बड़ी की गई है तो कार्रवाई निश्चित तौर पर की जाएगी।

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