सेवता-सीतापुर। कुछ दिन पहले बाढ़-बारिश से किसान अभी उभर नहीं पाए थे कि फिर बेमौसम बारिश ने किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। बुधवार की रात से लगातार कहीं तेज कहीं रिमझिम बारिश जारी है। खेतों में पक कर तैयार खड़ी धान व गन्ने की फसल गिर गई है। पानी भरा होने के कारण धान के फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। तीन दिन का काफी भारी बारिश का अलर्ट जारी होने से किसान हलकान हैं यह सोच कर परेशान है कि इस बार खून पसीने से तैयार की गई फसल घर आ पायेगी या नही।
फसल के बर्बादी की कहानी, किसानों की जुबानी
पिछले महीने तीन दिन भारी बारिश होने के कारण गांजर क्षेत्र का एक बड़ा भूभाग बाढ़ की चपेट में आ गया था। बाढ़ के कारण गांजरीय क्षेत्र की हजारों बीघा धान और गेहूं की फसल जलमग्न हो गयी थी हालाकिं मौसम साफ होने के बाद से किसानों ने धान की कटाई शुरू कर दी थी। उम्मीद थी कि अब मौसम जल्द खराब नही होगा लेकिन मौसम विभाग ने छह अक्टूबर से आठ अक्टूबर तक भारी बारिश के संकेत दिए है। बुधवार ,गुरुवार की रात से जिले में बारिश शुरू हो गई है। बेमौसम हो रही बारिश से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।
गन्ना, मूंगफली तथा केला की भी फसल तहस-नहस
तेज हवाएं भी चल रही है। खेतों में धान की फसल लगभग पककर खड़ी है। किसान धान काटने की तैयारी कर रहे है लेकिन मौसम की मार ने धान कटाई का कार्य रोक दिया। तेज हवाओं के चलने के कारण धान व गन्ने की फसल खेतों में गिर गई है। धान, गन्ने के अलावा बारिश से केला, मूंगफली व अन्य फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। किसानों का कहना है कि तीस प्रतिशत खेतों में धान की फसल तैयार खडी थी। किसान कटाई की व्यवस्था में जुटे थे लेकिन मौसम की मार से खेतों में फसल बिछ गई पानी भरने से फसल बर्बाद हो रही है। अभी पानी खेतों से निकल भी नही पाया था कि एक बार फिर मौसम ने किसानों को बर्बाद कर दिया है।