भास्कर समाचार सेवा
किशनी/मैनपुरी। गर्मियां अपने साथ ढेर सारे इंफेक्शन और बीमारियां लेकर आती हैं। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, वैसे-वैसे कई तरह की बीमारियां फिर से अपना फन उठा रही हैं। ऐसे में चिकनपॉक्स यानी चेचक की बीमारी के कई मामले सामने आए हैं। किशनी क्षेत्र के ग्राम बसैत में चिकनपॉक्स (चेचक की बीमारी) ने कई बच्चों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। बसैत निवासी अमायरा बानों पुत्री आमिर अली उम्र 2 वर्ष व रेशमा बानो उम्र 15 वर्ष, मेहरूम बानों उम्र 18 वर्ष समेत कई बच्चे इसकी चपेट में आये है। बता दें कि चिकनपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है और अगर सही समय पर इसके लक्षण पहचान कर इलाज करवा लिया जाए तो इससे बचा जा सकता है। आप अपने बच्चों को चिकनपॉक्स से बचा सकते हैं, बस इसके लिए कुछ बातों को ध्यान रखे। चिकनपॉक्स यानी चेचक की बीमारी एक संक्रामक रोग है जो साफ-सफाई की कमी की वजह से फैलता है। इसमें पूरे शरीर पर चकते और लाल दाने उभर आते हैं। दाने निकलने पर शरीर में खुजली होने लगती है और उन दानों से पानी भी निकलने लगता है। कई बार तो उन लाल दानों में पस भी पड़ जाता है और फफोले उभर आते हैं। ये फफोले 2 से 4 दिनों के अंदर पूरे शरीर पर तेजी से फैल जाते हैं कमर में तेज दर्द होता है और सीने में अजीब सी जकड़न होने लगती है। चिकनपॉक्स की स्थिति में बुखार भी हो जाता है। भूख नहीं लगती, सिर में दर्द होता है और हमेशा थकान सी महसूस होती है। चिकनपॉक्स का सबसे बेहतरीन इलाज इसके इंजेक्शन के रूप में उपलब्ध है। डॉक्टरों के मुताबिक, चिकनपॉक्स की बीमारी को दूर रखने के लिए 12 से 15 महीनों की उम्र के बीच बच्चों को चिकन पॉक्स का टीका लगवाना चाहिए। इसके अलावा 4 से 6 साल की उम्र के बीच बूस्टर टीका भी लगवाना चाहिए। माना जाता है कि यह टीका चिकनपॉक्स के गंभीर संक्रमण को रोकने में 95 फीसदी कारगर है। इस बारे में सीएएचसी प्रभारी अजय भदौरिया का कहना है कि मुझे किसी ने भी जानकारी नही दी है टीम भेजकर उपचार दिलवाया जाएगा।