पिता सुब्रत रॉय के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होंगे बेटे, श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों की लगी लंबी कतार

लखनऊ। सुब्रत राय का लखनऊ के बैकुंठ धाम में 2 बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा। अभी अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर सहारा शहर में रखा गया है। यहां श्रद्धांजलि के लिए एक किमी. की कतार लगी है। सहारा इंडिया ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय की अंतिम यात्रा में उनके दोनों बेटे शामिल नहीं हो पाएंगे। ऐसे में उनका पोता हिमांक रॉय मुखाग्नि देगा। सुब्रत राय का लखनऊ के बैकुंठ धाम में 2 बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा। अभी अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर सहारा शहर में रखा गया है। यहां श्रद्धांजलि के लिए एक किमी. की कतार लगी है। सुब्रत रॉय के दोनों बेटे सुशांतो और सीमांतो विदेश में हैं। हिमांक, सुब्रत के छोटे बेटे सीमांतो का बेटा है, जो लंदन में पढ़ाई करता है।

जानकारी के मुताबिक सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत रॉय का गुरुवार को लखनऊ में अंतिम संस्कार किया जाएगा। सहाराश्री के 16 साल के पोते हिमांक रॉय बैकुंठ धाम में उनका अंतिम संस्कार करेंगे, जबकि उनके बेटे सुशांतो और सीमांतो के उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने की संभावना नहीं है। दोनों ही विदेश में हैं और अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उपस्थित नहीं हो पाएंगे। हिमांक रॉय भी लंदन से लखनऊ पहुंचकर अपने दादा का अंतिम संस्कार करेंगे। परिवार के करीबी सदस्यों ने यह जानकारी दी है। बता दें कि सहारा समूह के संस्थापक का मंगलवार रात मुंबई में निधन हो गया था।

वहीं, सहारा शहर में गुरुवार सुबह से लोग श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं। पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा रॉय के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। जौनपुर से पूर्व सांसद धनंजय सिंह, राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने भी आज सुब्रत राय को श्रद्धांजलि अर्पित की। दिनेश शर्मा कहा, जब मैं महापौर था। तब सुब्रत राय से मेरा संपर्क हुआ था। उन्होंने शहर के विभिन्न चौराहों के डेवलपमेंट, बैकुंठ धाम के डेवलपमेंट समेत कई पार्कों का सौंदर्यीकरण कराया था। कन्या विवाह के आयोजनों में हम उनके साथ कार्य करते रहे। उन्होंने लखनऊ शहर में डेवलपमेंट को लेकर कई कार्य किए हैं। उनका जाना दुखद है।

अंतिम यात्रा में सपा प्रमुख अखिलेश यादव के पहुंचने की संभावना

सहारा इंडिया परिवार की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, सहारा शहर से लेकर बैकुंठ धाम तक सुब्रत रॉय की अंतिम यात्रा पैदल ही निकाली जाएगी। इसमें 25 हजार लोग शामिल हो सकते हैं। साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी अंतिम यात्रा में पहुंचने की संभावना है।

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