30 अप्रैल तक चलाया जाएगा संचारी रोग नियंत्रण अभियान
भास्कर समाचार सेवा
इटावा। संचारी रोग अभियान व स्कूल चलो अभियान के तहत शनिवार को विकास भवन से विधायिका सरिता भदौरिया ने हरी झंडी दिखाकर सामूहिक रैली को रवाना किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी अवनीश राय मुख्य विकास अधिकारी
प्रणता ऐश्वर्या, जिला विकास अधिकारी दीनदयाल ,जिला विद्यालय निरीक्षक राजू राणा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ गीता राम, उपस्थित रहे। संचारी अभियान के तहत जहां घर-घर जाकर संचारी रोगों के प्रति जागरूकता फैलाई जा रही है वहीं इन रोगों को नियंत्रित करने के लिए जांच और तेज की जाएगी।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ गीताराम ने बताया कि जनपद में आज यानि एक अप्रैल विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान शुरू हो रहा है। यह अभियान 30 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान जनपदवासियों को वेक्टर जनित रोगों, जल जनित रोगों व लू आदि से बचाव व उपचार के बारे में जागरूक किया जाएगा। इसी बीच 17 अप्रैल से 30 अप्रैल तक दस्तक अभियान भी संचालित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में 4744 डेंगू और 79280 मलेरिया की जांच की गई जिसमें डेंगू के 110 और मलेरिया के 104 मरीज चयनित हुए थे।
नोडल अधिकारी -डॉ श्रीनिवास ने बताया कि जो बीमारी एक मरीज से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में दूषित भोजन, जल या संपर्क या कीटनाशक या जानवर से फैलती है उसे संचारी रोग कहते हैं। इसमें प्रमुख रूप से डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, कालाजार, चिकिनगुनिया, क्षय और कुष्ठ रोग आदि हैं। इन्हीं बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए विशेष संचारी रोग चल रहा है। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग एक नोडल के रूप में कार्य कर रहा है जबकि अन्य विभागों को सहयोग करने की ज़िम्मेदारी दी गई है। साथ ही ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सफाई के साथ लारवारोधी गतिविधियां और फागिंग भी कराई जा रही है। जिला मलेरिया अधिकारी नीरज दुबे ने बताया कि इस अभियान के तहत घर-घर सर्वेक्षण कर फ्लू, खांसी, बुखार के रोगियों व कुपोषित बच्चों की जांच की जाएगी। अभियान के दौरान 1290 आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रमुख भूमिका में घर-घर जाकर अभियान सफल बनाएंगी। उन्होंने बताया कि 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस पर जिले में मलेरिया निगरानी में सुधार और वार्षिक रक्त परीक्षण दर> 10 तक पहुंचाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि जिले में 47 स्थान हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए हैं वहां पर जांच और छिड़काव प्राथमिकता से किया जाएगा।
कालाज़ार व फाइलेरिया पर रहेगा जोर
नोडल अधिकारी डॉ श्रीनिवास ने बताया कि भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक फाइलेरिया और वर्ष 2023 के अंत तक कालाजार खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसी क्रम में कालाज़ार से प्रभावित गांवों में शत-प्रतिशत आवासों को पक्का और बालू मक्खी प्रतिरोधी बनाया जाएगा। फाइलेरिया से प्रभावित गांवों में माइक्रोफाइलेरिया की दर शून्य के तय लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक परीक्षण किया जाएगा। हाथी पांव या लिम्फेडेमा के रोगियों को स्व-देखभाल के लिए एमएमडीपी किट वितरित की जाएगी और हाइड्रोसील के शत-प्रतिशत रोगियों की सर्जरी सुनिश्चित की जाएगी।