लखनऊ, । लखनऊ मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एलएमआरसी) ने हजरतगंज से मुंशी पुलिया के बीच के एलीवेटेड सेक्शन में मेट्रो ट्रेन को दौड़ाने की तैयारी कर ली है।
एलएमआरसी फरवरी में कॅमर्शियल रन शुरू करने के लिए नौ जनवरी से उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर में विभिन्न प्रकार का गुप्त ट्रायल कर रहा है। एलएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यहां बताया कि बुधवार के ट्रायल रन के बाद गुरुवार की रात भूमिगत सेक्शन में मेट्रो ट्रेन को लाया गया है। इसके बाद तड़के सुबह 3.5 किलोमीटर लंबाई में ट्रायल रन सुरंगों के अंदर किया गया है। दूसरे दिन मेट्रो ट्रेन की स्पीड भी बढ़ाकर 30 किलोमीटर प्रति घंटा तक की गई।
भूमिगत रूट में ट्रायल के बाद अब हजरतगंज से आगे मुंशी पुलिया तक एलीवेटेड सेक्शन पर तेजी के साथ मेट्रो ट्रेन दौड़ाई जाएगी। फिलहाल अन्य तरह के तकनीकी ट्रायल अभी चल ही रहे हैं। सुरंग के अंदर ट्रायल के दौरान देखा गया कि पूरे संचालन के समय ट्रैक्शन और सिग्नल सिस्टम किस तरह काम कर रहा है। अलस्टॉम ने बहुत तेजी पर पूरा डाटा जुटा लिया है। इस ट्रायल में यह भी देखा गया है कि एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक पहुंचने में औसतन कितना समय मेट्रो ट्रेन को लग रहा है।
तीन मिनट में सचिवालय से हजरतगंज पहुंची मेट्रो ट्रेन 30 किलोमीटर प्रतिघंटा के आसपास की गति से जब ट्रेनों का संचालन किया गया तो सचिवालय से हजरतगंज के बीच की दूरी केवल तीन मिनट में पूरी हो गई। दोनों स्टेशनों के बीच करीब 1.20 किलोमीटर की दूरी है। वहीं हुसैन गंज से सचिवालय की 850 मीटर की दूरी केवल दो मिनट में ट्रेन ने पूरी की। कॅमर्शियल रन के समय भी यही गति मेट्रो ट्रेनों की होना प्रस्तावित है। भूमिगत सेक्शन में ट्रायल के समय मेट्रो के अधिकारी भी मौजूद रहे।
खुद एलएमआरसी के निदेशक रॉलिंग स्टॉक महेंद्र कुमार और निदेशक ऑपरेशन सुशील कुमार ने पूरे समय ट्रायल रन की निगरानी की। निदेशक महेंद्र कुमार कई बार तो ड्राइवर केबिन के अंदर ही मौजूद रहे ताकि किसी प्रकार की गलती न हो। अंधेरे में हुआ भूमिगत सेक्शन में मेट्रो ट्रायल अभी मेट्रो के भूमिगत स्टेशन सहायक सब -स्टेशन से नहीं जुड़ पाए हैं। इसलिए यहां बिजली आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसकी वजह से रात के अंधेरे में ही ट्रेनों का संचालन भूमिगत (सुरंग) स्टेशनों पर किया गया। अगले 48 से 72 घंटे में भूमिगत स्टेशनों को सहायक सब -स्टेशन से बिजली आपूर्ति होने लगेगी।