विशेषाधिकार हनन पर एसपी पीलीभीत विधान परिषद तलब

विनय सिंह 

लखनऊ। विधान परिषद के सभापति से रुखाई से बातचीत करने पर पुलिस अधीक्षक पीलीभीत को विशेषाधिकार हनन के तहत बुधवार को सदन में तलब कर लिया गया है। पुलिस अधीक्षक पर आरोप है कि उन्होंने सभापति द्वारा एक प्रकरण की जानकारी लेने पर दो बार फोन काट दिया। तीसरी बार जब फोन उठाया तो उनसे बहुत ही रुखाई से बातचीत की। इस घटना से सभापति ने उन्हें बुधवार को एक बजे विधान परिषद में पेश होने को कहा है।

सपा एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद प्रक्रिया एवं कार्य संचलन नियमावली-1956 के नियम 123 (1) के अंतर्गत पीलीभीत के एसपी के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन की सूचना दी है। शतरुद्र प्रकाश ने बताया कि 21 अगस्त 2018 को उन्होंने पीलीभीत स्थिति पुलिस थाना विसलपुर में दिनांक 17 अगस्त को लिखाई गई एफआईआर अपराध सं या 379/2018 एवं अन्य के बाबत सच्चाई मालूम करने के लिए सभापति विधान परिषद ने अपने आवास से पुलिस अधीक्षक से फोन मिलवाया। उधर से बताया गया कि डीएम और पुलिस कप्तान एक साथ भ्रमण पर निकले हैं। प्रकाश ने कहा कि उन्होंने जिलाधिकारी अखिलेश कुमार मिश्र को फोन करके पुलिस अधीक्षक से बात कराने को कहा। जिलाधिकारी ने सिंह को फोन दिया, मगर उन्होंने बात नहीं की।

यह विधान परिषद के सदस्य और पूरे सदन की अवमानना है, लिहाजा पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक को सदन में बुलाकर जवाब तलब किया जाए। शिक्षक दल के नेता ओमप्रकाश शर्मा, बसपा सदस्य दिनेश चन्द्र, कांग्रेस सदस्य दीपक सिंह, अपना दल के आशीष कुमार और भाजपा सदस्य देवेन्द्र प्रताप ने प्रकाश की बात का समर्थन करते हुए कहा कि किसी सरकारी अधिकारी द्वारा उच्च सदन के सदस्य के साथ ऐसा बर्ताव किया जाना अवमानना का मामला है। हालांकि सरकार के वरिष्ठ मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बीच-बचाव करते हुए कहा कि यह गंभीर प्रकरण प्रकाश में आया है। सभी सदस्यों की सुरक्षा और गरिमा का याल रखना सरकार का कर्तव्य है। इस मामले में एक बार मु यमंत्री और उपमु यमंत्री से बात की जानी जरूरी है। अभी वह राज्य से बाहर हैं,उनके आने पर बात की जा सकती है और अधिकारी का भी पक्ष सुनने की जरूरत है। सदन के अन्य सदस्यों ने उनकी बात नहीं मानी। भाजपा के भी सदस्यों ने एसपी को सदन में प्रस्तुत करने की मांग उठाई।

बाद में सभापति रमेश यादव ने सदस्यों के अनुरोध को स्वीकार करते हुए पुलिस अधीक्षक बालेन्दु भूषण सिंह को कल दोपहर एक बजे सदन में हाजिर होकर अपना पक्ष रखने के आदेश दिये। इसके बाद सदन की कार्यवाही आधा घण्टे के लिए स्थागित कर दी गयी।

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