
- थानों को मिलेगा नया जीवन, पुलिस को नई पहचान
बरेली। जब बात पुलिस सुधार और सिस्टम की सफाई की होती है, तो नाम सामने आता है वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य का। एक ऐसा अफसर जो सिर्फ अपराधियों पर कार्रवाई करके ही नहीं, बल्कि खुद पुलिस तंत्र की खामियों पर भी धारदार वार करके जनता के भरोसे को मज़बूती देता है। इसी सिलसिले में 16 अप्रैल को थाना इज्जतनगर क्षेत्र के ग्राम मुड़िया अहमदनगर में बनाए जा रहे नए डंपिंग यार्ड का निरीक्षण कर अपनी दूरदर्शिता और व्यावहारिक नेतृत्व की एक और मिसाल पेश की।
अधिकांश थानों की हालत किसी कबाड़खाने से कम नहीं। वर्षों पुराने लावारिस, मुकदमों से जुड़े, सीज किए गए और बिना उपयोग के खड़े वाहनों की भीड़ ने थानों को न सिर्फ बदरंग बना दिया है, बल्कि वहां की कार्यसंस्कृति, साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था को भी प्रभावित कर रखा है। ये वाहन न सिर्फ थानों की जगह घेरते हैं, बल्कि उनके कारण जनता के साथ संवाद और पारदर्शिता भी बाधित होती है।
एसएसपी ने इस बदहाल स्थिति को देखते हुए इसे जड़ से उखाड़ने की ठान ली है। उनका साफ कहना है कि “थाना मंदिर जैसा हो, जहां जनता न्याय की उम्मीद लेकर जाए, न कि कबाड़ से भरा कोई गोदाम।”इस सोच को धरातल पर उतारते हुए पीडब्ल्यूडी के समन्वय से एक अत्याधुनिक डंपिंग यार्ड का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है, जिसमें जिले भर के सभी थानों से लावारिस, सीज, मुकदमों से जुड़े वाहन एक ही स्थान पर रखे जाएंगे।

हर थाने के लिए अलग सेक्शन: थानों के वाहनों को अलग-अलग पार्टीशन में रखा जाएगा ताकि भविष्य में किसी भी कानूनी कार्रवाई या पूछताछ में यह स्पष्ट रहे कि कौन-सा वाहन कहां से संबंधित है। यह व्यवस्था भ्रष्टाचार और हेराफेरी की संभावनाओं पर भी सीधा प्रहार करेगी।
यार्ड के दोनों छोर पर दो वॉच टावर बनाए जा रहे हैं और बीच में एक गार्ड रूम, किचन, टॉयलेट-बाथरूम की सुविधा के साथ सुरक्षा कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। यह न सिर्फ सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों की कार्यक्षमता को भी बनाए रखेगा।
एसएसपी अनुराग आर्य ने निरीक्षण के दौरान विशेष रूप से यह निर्देश दिए कि वाहनों का निस्तारण पूरी पारदर्शिता और प्रभावी प्रक्रिया के तहत किया जाए। कोई भी वाहन यूं ही ‘खो’ न जाए और हर रजिस्ट्रेशन, मुकदमे, सीजर का डिजिटल रिकॉर्ड रखा जाए।
निरीक्षण के दौरान एसएसपी ने निर्माण स्थल पर मौजूद इज्जतनगर थाना प्रभारी को स्पष्ट निर्देश दिए कि निर्माण कार्य किसी भी सूरत में तय समय सीमा से आगे न बढ़े और गुणवत्ता से कोई समझौता न हो। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित अधिकारी खुद पूरे कार्य की निगरानी करें और नियमित रिपोर्ट दें।