सेना में नौकरी दिलाने वाले ‘नटवरलाल’ को एसटीएफ ने पकड़ा

मिलिट्री इंटेलीजेंस की गोपनीय सूचना के आधार पर की गई कार्रवाई

भास्कर समाचार सेवा
मेरठ। स्पेशल टास्क फोर्स ने भारतीय नौसेना में उच्चाधिकारी बनकर भारतीय रक्षा मंत्रालय व भारतीय सेना में भर्ती कराने के नाम पर अवैधानिक रूप से धन उगाही करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का सरगना कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर से गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई एसटीएफ ने मिलिट्री इंटेलीजेंस की गोपनीय सूचना के आधार पर की।

अपर पुलिस अधीक्षक आगरा राकेश ने बताया, एसटीएफ उप्र को भारतीय रक्षा मंत्रालय व भारतीय सेना में सरकारी पद नियुक्ति हेतु फर्जी तरीके से धन उगाही करने वाले संगठित गिरोहों के संबंध में सूचनाएं प्राप्त हो रहीं थी। जिनके विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही एवं गिरफ्तारी हेतु एसटीएफ की इकाइयों, टीमों को अभिसूचना संकलन कर कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। पुलिस उपाधीक्षक उदय प्रताप सिंह के नेतृत्व में अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी, तभी अभिसूचना संकलन, मिलिट्री इंटेलीजेंस (ऊधमपुर जम्मू/कश्मीर) द्वारा गोपनीय सूचना के माध्यम से ज्ञात हुआ कि भारतीय रक्षा मंत्रालय व भारतीय सेना में सरकारी नौकरी के नाम पर फर्जी तरीके से धन उगाही करने वाले संगठित गिरोह के सरगना सेक्टर-120 आम्रपाली जोडियॉक आर्पटमेंट नोएडा थाना सेक्टर-113 कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर अपनी गाड़ी से आने वाला है। इस सूचना पर निरीक्षक यतीन्द्र शर्मा, मुख्य आरक्षीगण रामनरेश सिंह, बृजराज सिंह, अरविन्द सिंह, बल्देव सिंह, राजपाल सिंह, बृजकिशोर के मुखबिर व स्थानीय पुलिस को साथ लेकर उसके बताए गए स्थान पर आवश्यक घेराबंदी की गई। गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने पूछताछ में अपना नाम अतुल माथुर पुत्र कालीचरन निवासी नगला अस्थर थाना सहावरगेट जनपद कासगंज बताया। जिसके पास से 02 अपी कैंप इंडियन नेवी, 02 पी कैप व्हाइट कलर इंडियन नेवी आॅफिसर, 02 जोडी इंडियन नेवी व्हाइट यूनिफार्म, जंगल वर्दी पैंट, 03 जोड़ी जूते इंडियन नेवी डीएमएस, काम्बैट इंडियन नेवी फुल यूनिफार्म, ब्लैक पैंट इण्डियन नेवी, सौ से अधिक जर्सी इंडियन नेवी, 102 टी-शर्ट सफेद कलर इंडियन नेवी, 06 जोड़ी इंडियन नेवी लेप्टीनेंट कमांडर रैंक, 06 इंडियन नेवी आईकार्ड कवर आदि सामान बरामद किया गया।

प्रत्येक युवक से लेते थे 10 से 20 लाख रुपये
आरोपी सरगना अतुल माथुर ने पूछताछ में बताया, बेरोजगार युवकों को सेना में भर्ती कराने के नाम पर प्रत्येक युवक से दस-बीस लाख रुपए लिए जाते हैं, साथ ही उनसे उनके शैक्षिक, जाति, निवास प्रमाण-पत्रों आदि की मूल कॉपी रख ली जाती है। इन युवकों को सनी कुमार जो मेरा भाई है, बृजकिशोर निवासी नगला अस्थर थाना सहावरगेट, जनपद कासगंज, विपिन कुमार निवासी राया मथुरा अमित वाष्णेय पुत्र अशोक कुमार निवासी डिवाई बुलंदशहर अपने संपर्कों के माध्यम से फर्जी भर्ती प्रक्रिया हेतु अजय उर्फ अनिल कुमार निवासी मेरठ के पास भेज देते थे।

अभ्यर्थियों को भ्रम में डालता था अजय
आरोपी ने बताया अजय मेरठ स्थित भारतीय रक्षा मंत्रालय में मिनिस्टीरियल स्टाफ है, जो अभ्यर्थियों के फार्म में कूटरचना करके एवं भारतीय रक्षा मंत्रालय का गेट पास बनवाता है और अभ्यर्थियों को भ्रम में डालता है कि आपकी ज्वाइनिंग विभिन्न पदों पर सही तरीके से हो रही है। हमारे पास आए हुए ग्रामीण युवक व युवतियों को उसके द्वारा खुद को लेप्टीनेंट कमांडर, इंडियन नेवी के पद पर प्रदर्शित कर युवकों को भरोसे में लेकर उनकी फर्जी भर्ती प्रक्रिया की जाती है। भर्ती प्रक्रिया से प्राप्त धन हम लोग आपस में बांट लेते हैं।