
मैनपुरी – नवजात शिशुओं का सही ढंग से फॉलोअप न करने वाली आशाओं को नोटिस जारी किया जाए, सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नोडल अधिकारी के रूप में अपर मुख्य चिकित्साधिकारियों, उप मुख्य चिकित्साधिकारियों की तैनाती कर आगामी 2 माह में टीकाकरण की प्रगति सुधारी जाए, जनपद में जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के भुगतान की प्रगति संतोषजनक है इन योजनाओं में मेहनत कर प्रगति और सुधारी जाए, बैंक में खाते न होने के कारण जिन प्रसूताओं को अभी तक जननी सुरक्षा योजना का लाभ नहीं मिला है उनके खाते तत्काल खुलवा कर लाभान्वित किया जाए, आशा, संगिनी के मानदेय का भुगतान भी समय से हो सुनिश्चित किया जाए। कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए प्रत्येक व्यक्ति की सैंपलिंग हो, कांटेक्ट ट्रेसिंग के कार्य में लापरवाही न बरती जाए, आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड कैंप लगाकर बनाये जाएं, केपों में जहां बीएलई न पहुंचे संबंधित प्रभारी चिकित्सा अधिकारी रिपोर्ट उपलब्ध कराएं, कार्य में शिथिलता बरतने वाले बीएलई की सेवाएं समाप्त की जाएं।
उक्त निर्देश जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह ने जिला स्वास्थ्य समिति शासी निकाय की बैठक की समीक्षा के दौरान दिये। उन्होने कहा कि संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटर की रेंडम चेकिंग की जाए, मानकों की अनदेखी करने वाले अल्ट्रासाउंड सेंटर पर कड़ी कार्यवाही हो, टी.बी. की बीमारी से बचाव हेतु लोगों को जागरूक किया जाए। जिन स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसूता को नाश्ता, खाना मुहैया कराया जा रहा है, मुख्य विकास अधिकारी के साथ-साथ संबंधित उप जिलाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में खाने की गुणवत्ता का रैंडम निरीक्षण करें। सर्दी के मौसम से बचाव हेतु मरीजों-तीमारदारों के लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर उचित प्रबंध हों।

डीएम ने समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को आदेशित करते हुये कहा कि विभिन्न मदों में उपलब्ध धनराशि को तत्काल व्यय करें, व्यय में मानकों, नियमों का पूरा पालन किया जाए यदि किसी स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध धनराशि के सापेक्ष 40 प्रतिशत तक धनराशि शेष बची तो संबंधित प्रभारी चिकित्सा अधिकारी की जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही होगी।
उन्होने जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, परिवार नियोजन, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, नियमित टीकाकरण, क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम की बिंदुवार समीक्षा की।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0ए.के. पांडेय, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0जी.पी. शुक्ला सहित समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।
सामुदायिक शौचालय, पंचायत भवन के निर्माण कार्य में बाधा डालने वालों के विरुद्ध गुंडा एक्ट में कार्यवाही की जाये : डीएम
मैनपुरी – जिन ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय, पंचायत भवन निर्माण की भूमि पर विवाद है वहां संबंधित उप जिलाधिकारी, तहसीलदार स्वयं मौके पर जाकर विवादों को निपटायें, चिन्हित भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों सामुदायिक शौचालय, पंचायत भवन निर्माण कार्य में बाधा डालने वालों के विरुद्ध गुंडा एक्ट में कार्यवाही कर जिला बदर किया जाए, उनके विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाए। बैठक से अनुपस्थित भांवत के सेक्रेटरी आलोक की दिन में दो बार जिला विकास अधिकारी उपस्थिति दर्ज करें और साप्ताहिक रिपोर्ट उपलब्ध कराएं, गांव-गांव जल निकासी के उचित प्रबंध किए जाएं।
क्लस्टर बनाकर सचिवों को बराबर ग्राम पंचायतों का कार्यभार दिया जाए, ग्राम्य विकास की योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन, सामुदायिक शौचालय, पंचायत भवन के निर्माण में अच्छा कार्य करने वाले सचिव डी.डी. पाण्डेय एवं रामवरन को प्रशस्ति पत्र उपलब्ध कराया जाए।
उक्त निर्देश जिलाधिकारी महेन्द्र बहादुर सिंह ने ग्राम पंचायतों में कराये जा रहे कार्यों की समीक्षा के दौरान दिये। उन्होंने समीक्षा के दौरान चिलोंसा, नसीरपुर, मधुपुरी, सांडा में सामुदायिक शौचालय, पंचायत भवन की भूमि पर स्टे, भूमि विवाद होने पर मुख्य विकास अधिकारी से कहा कि जिन जिन स्थानों पर स्टे है उसे स्वयं निस्तारित कराने की कार्यवाही करें, जिन स्थानों पर भूमि विवाद है सेक्रेटरी संबंधित उप जिलाधिकारी से संपर्क कर भूमि विवाद निबटवायें और तत्काल कार्य प्रारंभ कराएं, सामुदायिक शौचालय, पंचायत भवन निर्माण सरकार की प्राथमिकताओं में है इसमें किसी भी स्तर पर विलंब न किया जाए, सभी निर्माणाधीन सामुदायिक शौचालयों, पंचायत भवनों का कार्य प्राथमिकता पर पूर्ण कराया जाए।
डीएम ने कहा कि सचिव गांव के विकास, जनता की भलाई को ध्यान रख कार्य करें, मनरेगा, राज्य वित्त, 14 वें वित्त की धनराशि से कराये जा रहे निर्माण कार्य मानकों के अनुसार हों सभी सचिव सही ढंग से कार्य करें, शासन की मंशा के अनुसार केटल शेड बनवाये जाएं, सफाई कर्मी प्रतिदिन अपने गांव में जाकर सफाई करें। उन्होंने कहा कि सभी पंचायत अधिकारियों के पास कुटम्ब रजिस्टर, कैशबुक, समस्त रजिस्टर अद्यावधिक रहें, उन्हें राज्य वित्त, 14वें वित्त के अन्तर्गत कराये गये कार्यो हेतु प्राप्त धनराशि, व्यय धनराशि की जानकारी हो।
मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया ने समीक्षा के दौरान ग्राम पंचायत सचिवों को निर्देशित करते हुए कहा कि आई.डी. जनरेट कर लंबित न रखें बल्कि तत्काल मस्टररोल जारी कर कार्य प्रारंभ करायें, जिन सचिवों द्वारा आई.डी. जनरेट कर कार्य प्रारंभ नहीं किया गया तो उनके विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही होगी। उन्होंने कहा कि सचिव अपने यहां मनरेगा में कार्य करने वाले श्रमिकों का श्रम विभाग में पंजीकरण कराएं और उन्हें श्रम विभाग की संचालित योजनाओं का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। बैठक में परियोजना निदेशक एस.सी. मिश्र, डीसी एनआरएलएम रंजीत सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी स्वामीदीन आदि उपस्थित रहे।