लखनऊ : पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन देश भर में 25 दिसंबर को मनाया जाता है, लेकिन प्रदेश के विद्यार्थियों को वाजपेयी की जन्मतिथि गलत पढ़ाई जा रही है।
बेसिक शिक्षा विभाग की कक्षा 6 की हिंदी के पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के पाठ 21 ‘आओ फिर से दिया जलाएं’ के पेज नंबर 113 पर स्व. वाजपेयी की जन्मतिथि 2 दिसंबर 1924 बताई गई है। भाजपा के शासनकाल में प्रकाशित पुस्तक में अटलजी की जन्मतिथि गलत प्रकाशित होने पर अधिकारी हरकत में आ गए हैं।
शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद से पूछताछ में पता चला है कि पाठ्यपुस्तक प्रकाशक को जो प्रति दी गई, उसमें भी 2 दिसंबर ही लिखा गया है। किताबें प्रकाशित होने के कारण परिषद की सचिव रूबी सिंह ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जन्मतिथि की त्रुटि सुधार कर 25 दिसंबर 1924 कराने के निर्देश दिए हैं।
वहीं, अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने भी गलत जन्मतिथि लिखने वाले के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
वहीं बरेली में भी बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में बच्चों को बांटी गई किताबों की प्रिंटिंग में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की कविता कक्षा छह की मंजरी में प्रकाशित की गई है, जिसमें कवि का फोटो सहित परिचय भी दिया गया है।
इसमें जन्मतिथि दो दिसंबर 1924 दर्शाई गई है, जबकि असल जन्मतिथि 25 दिसंबर 1924 है। इससे लाखों बच्चों तक गलत जानकारी पहुंचने का खतरा बन गया है।जनपद में ही करीब 1500 जूनियर हाईस्कूल विद्यालयों में लाखों बच्चों को यह किताबें वितरित की जा चुकी हैं।
कक्षा छह की मंजरी नामक किताब में पेज नंबर 21 पर आओ फिर से दिया जलाएं शीर्षक से कविता प्रकाशित की गई है। इसी पेज पर कवि अटल की फोटो सहित संक्षिप्त परिचय भी दिया गया है, जिसमें अटल की जन्मतिथि दो दिसंबर 1924 बताई गई है।
हाल में ही अटल जी की मृत्यु हुई थी, जिससे लोगों के जेहन में उनके बारे में काफी जानकारी ताजा हो गई थी। बताते हैं कि एक अभिभावक ने जन्मतिथि गलत होने की जानकारी शिक्षकों को दी, जिसके बाद मामला तेजी से वायरल होने लगा।
मामला संज्ञान में आया है। प्रकाशक की त्रुटि से ऐसा हुआ है, जिससे नोटिस देकर जवाब मांगा जाएगा। बच्चों को सही जन्मतिथि बताने के लिए सभी बीईओ को निर्देश जारी कर संशोधन के निर्देश दिए गए हैं।
बुद्ध प्रिय सिंह, बीएसए