संस्कृति अंतर्राष्ट्रीय दीक्षांत समारोह में कई देशों के विद्यार्थियों ने डिग्रियां कीं हासिल

भास्कर समाचार सेवा

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों का दीक्षांत समारोह एक भव्य आयोजन के रूप में सम्पन्न हुआ। अपने जीवन की विशेष उपलब्धि हासिल कर विद्यार्थियों में भारी खुशी छा गई ।
संस्कृति विश्वविद्यालय, मथुरा ने वैश्विक शिक्षा के क्षेत्र में एक और मील का पत्थर स्थापित करते हुए 10 जुलाई 2025 को अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए एक विशेष दीक्षांत समारोह का आयोजन किया। यह आयोजन विश्वविद्यालय के सेमिनार हॉल में दोपहर 2:30 बजे आरंभ हुआ और गरिमामयी परंपराओं, विविध सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों और शैक्षणिक उपलब्धियों का जीवंत संगम बनकर उभरा।समारोह की शुरुआत भव्य शैक्षणिक जुलूस के आगमन से हुई, जिसमें विश्वविद्यालय के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी, डीन, विभागाध्यक्ष एवं संकाय सदस्य सम्मिलित हुए। मंच पर सभी गणमान्य अतिथियों के आसीन होने के पश्चात राष्ट्रगान की गरिमामयी प्रस्तुति हुई, इसके पश्चात सरस्वती वंदना और दीप प्रज्वलन द्वारा कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया।
डीन अकादमिक
डॉ. रेनू गुप्ता ने सभी विद्यार्थियों और अभिभावकों का स्वागत करते हुए कहा कि आज का दिन न केवल हमारे अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए, बल्कि संस्कृति विश्वविद्यालय के लिए भी अत्यंत गर्व का क्षण है। विभिन्न देशों से आए इन विद्यार्थियों ने जिस समर्पण और मेहनत से अपनी शिक्षा पूरी की है, वह प्रेरणादायक है। वे जहां भी जाएँगे, हमारे विश्वविद्यालय की छवि को और ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।
संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता ने दीक्षांत समारोह का उदघाटन करते हुए कहा कि संस्कृति विश्वविद्यालय का उद्देश्य सदैव गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और वैश्विक मानकों के अनुरूप विकास रहा है। हमारे अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी इस लक्ष्य के जीवंत उदाहरण हैं। हमें विश्वास है कि वे अपने-अपने देशों में समाज और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। विश्वविद्यालय उन्हें अपना सांस्कृतिक और शैक्षणिक दूत मानता है।
समारोह के दौरान नामिबिया, म्यांमार, जिम्बाब्वे, तंजानिया, घाना, सूडान सहित कई देशों के 35 विद्यार्थियों को विभिन्न संकायों में डिग्रियाँ प्रदान की गईं। इन विद्यार्थियों ने इंजीनियरिंग, प्रबंधन, विज्ञान, नर्सिंग एवं अन्य पाठ्यक्रमों में अपनी उत्कृष्टता सिद्ध की है।
डीन डॉ. विराचल्ली ने स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान कीं। डीन डॉ. डी.एस. तोमर ने स्कूल ऑफ बेसिक एंड एप्लाइड साइंस, डॉ. मनीष अग्रवाल, डीन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड कॉमर्स ने विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान कीं। मंच पर डॉ. पाराशर, प्राचार्य स्कूल ऑफ नर्सिंग, रजिस्ट्रार श्री आर. एन. त्रिवेदी, नियंत्रक परीक्षा डॉ. राकेश टंडन, डीन अकादमिक डॉ. रेनू गुप्ता, तथा डीन इंजीनियरिंग डॉ. विराचल्ली की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिन्होंने समारोह की शोभा को और भी बढ़ाया।
समारोह को भव्य रूप प्रदान करने में विश्वविद्यालय के समर्पित अधिकारियों और कर्मचारियों विवेक श्रीवास्तव, दिलीप सिंह तथा राहुल का भी विशेष योगदान रहा।
समारोह के समापन पर डॉ. विराचल्ली ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए सभी अतिथियों, विद्यार्थियों, शिक्षकों, और आयोजन से जुड़े सभी कर्मचारियों का हृदय से आभार व्यक्त किया।
समारोह का कुशल संचालन सुश्री ज्योति यादव,सुश्री दिव्या गेहलोत ने किया। इस भव्य आयोजन के मुख्य समन्वयक के रूप में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के समन्वयक दीपक ने अपनी भूमिका अत्यंत कुशलतापूर्वक निभाई। व्यवस्
यह विशेष दीक्षांत समारोह संस्कृति विश्वविद्यालय की उस दृष्टि को दर्शाता है, जिसमें शिक्षा की कोई सीमाएँ नहीं होतीं। विभिन्न देशों, भाषाओं और संस्कृतियों से आए विद्यार्थियों ने एकता, विद्या और प्रगति का जो संदेश दिया, वह आने वाले वर्षों तक प्रेरणा देता रहेगा। इस विशेष दीक्षांत समारोह की रूपरेखा का तानाबाना तैयार करने में डॉ रतीश शर्मा का प्रमुख योगदान रहा।

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