प्रदेश की सबसे हाईटेक डासना जेल में सुसाइड : जेल प्रशासन में मच हड़कंप

10 सितंबर 2024 को हापुड की पिलखुवा पुलिस ने पोस्को में भेजा था जेल
भास्कर समाचार सेवा 
गाजियाबाद।
उत्तर प्रदेश की सबसे हाईटेक जिला जेल डासना में सुसाइड का मामला सामने आने से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। दरअसल डासना जेल से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड करने का मामला सामने आने से जहां परिवार ने जेल प्रशासन पर गम्भीर आरोप लगाया है। वहीं मृतक ने सुसाइड से पहले अपने पिता के नाम एक सुसाइड नोट भी छोड़कर सुसाइड किया। जेल में सुसाइड से जेल प्रशासन में हड़कंप का माहौल देखा गया है। हालांकि जेल प्रशासन द्वारा युवक के फांसी के फंदे पर लटकने सूचना मिलते ही युवक को सरकारी अस्पताल भेजा गया था।

जहां डॉक्टर द्वारा उसे मृत घोषित किया गया।
भाई भूरा सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि
उनका 19 वर्षीय भाई शिवम राजपूत पुत्र सुंदर सिंह राजपूत निवासी बुगरासी जिला बुलंदशहर की सोशल मीडिया पर जनपद हापुड़ के पिलखुवा की एक किशोरी से दोस्ती थी। दोस्ती के कारण उनके भाई पर नाबालिक किशोरी के परिजनों द्वारा पोस्को के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। 10 सितंबर 2024 को हापुड़ के पिलखुवा पुलिस द्वारा उनके भाई शिवम राजपूत को गिरफ्तार कर जेल भेजने का कार्य किया गया था और हमें सुबह जेल से सूचना मिली कि उनके भाई शिवम राजपूत के द्वारा डासना की जिला जेल में सुसाइड कर ली है। हालांकि जेल प्रशासन की लापरवाही सामने आई है क्योंकि जब जेल की मजबूत सुरक्षा व्यवस्था इतनी मजबूत है। उसके बावजूद जेल में सुसाइड कैसे कर लिया।
अजय सिंह मृतक के चाचा ने कहा
जेल प्रशासन बड़ी लापरवाही सामने आई है। जेल प्रशासन द्वारा जब हम लोगों द्वारा शिवम को मिलाई पर पांच हजार रुपए देकर गए थे तो जेल प्रशासन द्वारा उसकी गिनती या मुलाजा नहीं काटा गया, बल्कि उससे अधिक पैसे की डिमांड कर रहे थे और उसने इस मामले में फोन पर जानकारी दी थी। पैसे अधिक न मिलने पर उससे जेल में कार्य कराया जा रहा था। जिस कारण से उसने जेल प्रशासन से त्रस्त होकर आत्महत्या की है। जेल प्रशासन की लापरवाही की वजह से ही उसने सुसाइड किया है। जेल प्रशासन की तानाशाही के कारण ही उनके भतीजे द्वारा आत्महत्या की गई है हालांकि हत्या कभी अंदेशा है कहीं पुलिस से मिलकर जेल प्रशासन द्वारा उनकी हत्या तो नहीं की गई इस मामले की भी जांच पड़ताल कराई जानी चाहिए। वही एक सब इंस्पेक्टर द्वारा भी जेल भेजने से पहले उनसे पैसे की डिमांड की गई थी और किशोरी के परिवार भी उनसे पैसे की डिमांड कर रहे थे। हमारे पुत्र को निर्दोष जेल भेजा गया था और जेल में वह जेल प्रशासन की लापरवाही से काफी त्रस्त था। इस मामले की उच्च स्तर पर जांच होनी चाहिए। आप है की जेल प्रशासन द्वारा उन्हें सूचना दी गई थी वह जेल पर सुबह से खड़े हैं मगर जेल प्रशासन ने उन्हें बताया गया कि उन्हें जहां एक घटना घटी है उसको भी दिखाया जाएगा मगर अभी तक किसी ने उन्हें इस मामले से अवगत नहीं कराया है और ना ही घटना स्थल को दिखाया गया है।
मृतक के पिता सुंदर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया
19 वर्षीय शिवम राजपूत को 10 सितंबर 2024 को हापुड़ की पिलखुवा पुलिस द्वारा जेल भेजने का कार्य किया गया था। उनका बेटा निर्दोष था और सोशल मीडिया पर उसके बेटे की एक किशोरी से दोस्ती थी। पुलिस द्वारा नाजायज तरीके से उनके पुत्र शिवम को जेल भेजा गया और जेल भेजने से पहले उनसे एक लाख रुपए की डिमांड की गई थी और लड़की के परिजन भी दो लाख रुपए की डिमांड कर रहे थे। जेल में मिलने पर हमने अपने पुत्र को पांच हजार रुपए मुलाजे के तौर पर दिए थे। मगर जेल में अधिक पैसे की डिमांड की जा रही थी। जिस कारण से जेल में उससे कार्य कराया जा रहा था। जेल प्रशासन द्वारा लापरवाही बरती गई है। जिस कारण से उनके पुत्र की मौत हुई है। जेल प्रशासन द्वारा उन्हें रात्रि में फोन पर सूचना दी गई थी कि उनके पुत्र द्वारा सुसाइड करने का मामला सामने आया है। मगर जेल प्रशासन द्वारा कुछ भी स्पष्ट रूप से जवाब नहीं दिया जा रहा है। यानी कि कहीं ना कहीं जेल प्रशासन की मिली भगत से उनके बच्चे की मौत हुई है। और इस मामले में उच्च स्तर पर जांच पड़ताल कराई जाएगी। मुख्यमंत्री से भी इस मामले में शिकायत की जाएगी।
जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया
जेल में एक 19 वर्षीय युवक द्वारा सुसाइड करने का मामला सामने आया। हालांकि आनन फानन में युवक को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था । जहाँ डॉक्टर द्वारा युवक को मृत घोषित किया गया और इस मामले में मृतक के परिजनों को सूचना दी गई है। उच्च अधिकारियों को इस मामले से अवगत भी कराया गया है और पूरे मामले की जांच पड़ताल कराई जा रही है । मृतक द्वारा एक सुसाइड नोट भी छोड़ गया है

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