सुल्तानपुर : मदरसे में मिली गड़बड़ी, मान्यता खत्म करने की नोटिस जारी

सुल्तानपुर। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुनीता देवी ने मदरसा दारुल उलूम अहले सुन्नत नुरुल उलूम कनेहटी का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के लिए मदरसा पहुंचते ही जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुनीता देवी छात्रों की बेहद कम संख्या देखकर चकित रह गईं और उन्होंने मदरसे के प्रबंधक/प्रधानाचार्य को फटकार लगाते हुए मदरसे की मान्यता समाप्त कर देने की नोटिस जारी किया है। अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुनीता देवी ने बताया कि मदरसे की मिल रही शिकायतों की हकीकत परखने के लिए वे मदरसा दारुल उलूम अहले सुन्नत नुरुल उलूम कनेहटी पहुंची और उन्होंने सबसे पहले मदरसे में पंजीकृत छात्रों और उपस्थित छात्रों की संख्या का मिलान किया तो बेहद चैंकाने वाला सच सामने आया।

अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने निरीक्षण के बाद जारी किया नोटिस

मदरसे में कक्षा एक से कक्षा पांच तक 100 छात्रों का पंजीकरण है, लेकिन कुल 38 छात्र ही मदरसे में उपस्थित थे। वहीं फौकानिया यानी कक्षा 6 से लेकर कक्षा 8 तक रजिस्टर्ड 58 छात्रों के सापेक्ष 20 छात्रों की उपस्थिति दर्ज की गई। इतना ही नहीं है मदरसे में आलिया स्तर (मुंशी और मौलवी) के रजिस्टर्ड 49 छात्रों में से सिर्फ 11 छात्र ही मौजूद मिले। कक्षा एक से लेकर मुंशी द्वितीय तक के कुल 207 छात्रों का रजिस्ट्रेशन पाया गया। मौके पर मदरसे में कुल 207 छात्रों के सापेक्ष केवल 58 छात्र ही उपस्थित पाए गए, जो सिर्फ 28 प्रतिशत ही था। उन्होंने कहा कि मदरसों की यह ढिलाई और लापरवाही कत्तई स्वीकार नहीं है। यह काबिले बर्दाश्त नहीं है।

जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुनीता देवी ने मदरसे में तैनात शिक्षकों द्वारा पठन-पाठन पर ध्यान नहीं दिए जाने को गम्भीरता से लिया है। उन्होंने मदरसे में पठन-पाठन की व्यवस्था पर कई सवाल खड़े किए है। यहां तक कहा गया है कि कक्षा 5 के छात्र को क, ख, ग, घ का भी ज्ञान नहीं है। मदरसे में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र- छात्राओं को पाठ्य-पुस्तकों के बारे जानकारी लगभग शून्य है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुनीता देवी द्वारा अपने निरीक्षण रिपोर्ट में मदरसे के खिलाफ कई गम्भीर सवाल खड़ा करते हुए नोटिस जारी किया गया है।

जिसमें यह कहा गया है कि उत्तर प्रदेश अशासकीय अरबी और फारसी मदरसा प्रशासन और सेवा विनियमावली 2016 के भाग-1 के उपबंध-8 के (3) में यह साफ तौर पर उल्लिखित है कि मुंशी ध्मौलवी स्तर से मान्यता के लिए न्यूनतम छात्र संख्या 120 होनी चाहिए। मदरसे को जारी रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि मदरसे के निरीक्षण में इस बात का खुलासा हुआ है कि मदरसे में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को नियमानुसार शिक्षण न देने के कारण उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जारी नोटिस में मदरसे की मान्यता खत्म कर देने की चेतावनी भी दी गई है। बताया जा रहा है कि अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के नोटिस जारी करते ही मदरसा प्रबंधन में हड़कंप मचा हुआ है।

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