सुल्तानपुर : डीएम और सांसद प्रतिनिधि ने सचल पशु चिकित्सा वाहन को दी हरी झण्डी

सुल्तानपुर। प्रदेश सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आकस्मिक पशु चिकित्सा सेवाओं के अन्तर्गत टोल फ्री नं0-1962 के माध्यम से ‘‘पशु उपचार पशु पालक के द्वार‘‘ पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारत सरकार की महत्वाकाक्षी योजना के अन्तर्गत मोबाइल वेटनरी यूनिट सचल पशु चिकित्सा इकाई का शुभारम्भ/फ्लैग आफ मुख्यमंत्री द्वारा रविवार पूर्वान्ह में लखनऊ से किया गया। जिसका सजीव प्रसारण जनपद सुलतानपुर के विकास भवन स्थित प्रेरणा सभागार में विधान परिषद सदस्य शैलेन्द्र प्रताप सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष डाॅ0 आर0ए0 वर्मा, सांसद सुलतानपुर के प्रतिनिधि रंजीत सिंह, जिलाध्यक्ष अपना दल (एस) अविनाश पटेल, विधायक लम्भुआ के प्रतिनिधि लक्ष्मीकान्त दूबे तथा जिला प्रशासन की ओर से जिलाधिकारी जसजीत कौर, मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी भूदेव सिंह, जिला विकास अधिकारी अजय कुमार पाण्डेय, जिला सूचना अधिकारी डाॅ0 धीरेन्द्र कुमार, समस्त पशुधन प्रसार अधिकारी, मोबाइल वैन के चालक/पशु चिकित्सक आदि मौजूद रहे।

पशुपालक टोल फ्री नं0-1962 पर काॅल कर प्राप्त करें चिकित्सा सुविधाएं-जिलाधिकारी

इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश की 5 करोड़ 20 लाख पशु संख्या के दृष्टिगत (एक लाख पशु संख्या के सापेक्ष एक वाहन) कुल 520 वाहन संचालित किये गये। पैकेजवार आवंटित वाहनों में से 50 प्रतिशत वाहन पूर्व निर्धारित रूट पर संचालित होंगे तथा 50 प्रतिशत वाहन आकस्मिक पशु चिकित्सा सेवाओं हेतु उपलब्ध रहेंगे। जनपद सुलतानपुर में कुल 14 ब्लाकों हेतु कुल 07सचल पशु चिकित्सा इकाई वाहन उपलब्ध कराये गये हैं। जिसमें प्रति दो ब्लाकों हेतु एक वाहन संचालित किये जायेंगे। जिलाधिकारी जसजीत कौर, मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक, सांसद सुलतानपुर प्रतिनिधि रंजीत सिंह द्वारा विधि विधान के साथ हरी झण्डी दिखाकर वाहन को रवाना किया गया। जिलाधिकारी जसजीत कौर ने (सचल पशु चिकित्सा इकाई) वाहन के तकनीकी व टेली मेडिसिन सेवाओं के बारे में सम्बन्धित पशु चिकित्सक से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि इस योजना के संचालित होने से पशु स्वास्थ्य में सुधार होगा, जिससे पशु पालकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

उन्होंने पशुपालकों/कृषकों से अपील करते हुए कहा कि आकस्मिक पशु चिकित्सा सेवाओं के अन्तर्गत टोल फ्री नं0-1962 पर काॅल कर चिकित्सा सुविधाओं का लाभ उठायें। मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक ने बताया कि काल सेन्टर पर प्राप्त काल्स को काल एक्जीट्यूटिव द्वारा रिसीव करने के उपरान्त पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा विशलेषण किया जायेगा तथा बीमारी की गम्भीरता/आकस्मिकता के अनुसार सचल पशु चिकित्सा इकाई वाहन को भेजा जायेगा अथवा टेली मेडिसिन सलाह उपलब्ध करायी जायेगी। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी भूदेव सिंह व अपर पशु चिकित्सा अधिकारी एस.एस. यादव ने बताया कि उक्त सेवा पूर्व निर्धारित रूट/शेड्यूल्ड रूट पर प्रातः 8 बजे से 2 बजे अपरान्ह तक तथा इमरजेन्सी रूट पर प्रातः 10 बजे से सायं 8 बजे तक उपलब्ध रहेगी। सायं 8 बजे के बाद प्राप्त हुई पशु पालकों की काल, काल सेन्टर पर रिकार्ड की जायेगी, जिनके सापेक्ष सेवायें आगामी दिवस पर उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर तैयार किये गये शेड्यूल्ड रूट में आवश्यकतानुसार परिवर्तन किया जा सकेगा।

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