मेहनवन, गोंडा
जिले की सातो विधान सभाओं में विधान सभा मेहनवन सर्वाधिक रोमांचक सियासी मैदान रहा है, जिले के कई दिग्गज नेता अपनी नज़र मेहनवन विधान सभा की इस सीट पर पहले भी गड़ा चुके हैं।
जातिय समीकरण के आधार इस बार चुनाव में कुछ नए चेहरे भी शामिल हुए हैं, वैसे तो यह क्षेत्र ब्राह्मण बाहुल्य माना जाता है, यहां ब्राह्मण निर्णायक भूमिका में होने के बावजूद तटस्थ नेतृत्व के आभाव में ब्राह्मण वोटों के बटने का कारण बनता रहा है।
यही वजह है की अन्य जातियां वोट बैंक बन कर नवांकुर नेताओं को भुलाने लगती है, अवसर का लाभ उठाने के लिए इस बार समर में प्रत्याशियों की लिस्ट में कई नाम जुड़ गए हैं। दूसरी तरफ करीब नब्बे हजार ब्राह्मण मतदाताओं को लुभाने के लिए नये ब्राह्मण चेहरे भी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।
फिलहाल तो पार्टियों की तरफ से प्रत्याशियों की घोषणा होने में देरी की वजह से वैचारिक युद्ध करते हुए समर्थकों द्वारा चौक चौराहों पर अपनी जीत के गीत गुनगुनाये जा रहे साथ ही अपनी उपलब्धियां दूसरे की कमियां गिनाने का दौर चल रहा है।
माना जा रहा है की पुराने राजनैतिक घरानों का दबदबा इस बार बना हुआ है, अनुमान है की समाजवादी पार्टी से तीन विधायक रहीं नन्दिता शुक्ला के बेटे राहुल शुक्ला से सीधी टक्कर होनी है। सियासी हलचल के बीच उम्मीदावरों का चयन न होने की वजह से कयासों के फूल खिल कर मुरझाने जैसी स्थिति बनी है।
जानकारों का मानना है की इस बार भाजपा और सपा आमने सामने चुनाव लड़ेंगे, जीत हार का फैसला कंडिडेट के चयन पर निर्भर रहेगा, पब्लिक सर्वे के मुताबिक़ लोगों का कहना है की बदलाव ज़रूरी है किन्तु यह बदलाव कैसे होगा ये समय के गर्भ में हैं।
खबरें और भी हैं...
उपचुनावः उप्र में दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले सात पुलिसकर्मी निलंबित, पढ़े लेटेस्ट अपडेट
उत्तर प्रदेश चुनाव, उत्तरप्रदेश, लखनऊ
भाजपा प्रत्याशी की गाड़ी पर हमला, सुरेश अवस्थी ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी के गुंडों ने किया हमला
उत्तर प्रदेश चुनाव, उत्तरप्रदेश, कानपुर