SC का बड़ा फैसला, पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक नहीं, मगर यहाँ फंसा दिया पेंच

नई दिल्ली: पूरे देश में पटाखे बनाने, बेचने और जलाने पर प्रतिबंध को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज (मंगलवार) फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि पूर्ण प्रतिबंध नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने शर्त के साथ पटाखे बेचने और जलाने की अनुमति दी। प्रदूषण की वजह से पटाखों की बिक्री पर बैन लगाने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाते हुए कहा, केवल लाइसेंस धारक ही पटाखे बेच सकते हैं। पटाखों में हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल ना हो। कम प्रदूषण वाले पटाखे फोड़े जाएं। दिवाली पर मात्र दो घंटे पटाखे जाने की मंजूरी दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, दिवाली पर आठ बजे से 10 बजे तक ही पटाखे जला सकते हैं। क्रिसमस और न्यू ईयर पर सिर्फ 20 मिनट ही पटाखे फोड़ सकते हैं। 11. 55 रात से 12.00 बजे रात तक ही पटाखे जला सकते हैं।

कोर्ट ने ऑनलाइन पटाखे की बिक्री पर भी रोक लगाई

शीर्ष अदालत ने कहा कि कम प्रदूषण वाले पटाखे ही चलाएं। अब दिवाली पर पटाखे फोड़ने पर रोक नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने 28 अगस्त को वायु प्रदूषण के चलते बिगड़ते हालात को नियंत्रित करने के मद्देनजर पूरे देश में पटाखों पर बैन लगाने वाली अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वकील विजय पंजावाणी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट का आदेश बहुत सख्त नहीं है। हम पूर्ण प्रतिबंध की उम्मीद कर रहे थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। पटाखों की अनुमति होगी लेकिन समय तय किया गया है क्योंकि इसे 8 बजे से शाम 10 बजे के बीच अनुमति दी जाएगी।

पटाखा बनाने वालों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि दिवाली के दौरान केवल पटाखे प्रदूषण बढ़ाने की एकमात्र वजह नहीं है। यह प्रदूषण बढ़ाना वाला एक कारक है और इस आधार पर पूरे उद्योग को बंद नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान वायु प्रदूषण की वजह से बच्चों में सांस की तकलीफ के बढ़ने को लेकर भी चिंता जताई थी और कहा था कि वह इस पर फैसला करेगी कि क्या पटाखे फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा या मुनासिब नियंत्रण स्थापित किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में दिवाली के दौरान दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था।

पिछले साल लगाया था बैन

इससे पहले पिछले साल कोर्ट ने प्रदूषण के मद्देनजर दिवाली से पहले दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी थी. दिवाली से ठीक पहले 9 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध लगाते हुए अपने आदेश में यह भी कहा था कि कुछ शर्तों के साथ पटाखों की बिक्री एक नवंबर, 2017 यानी दिवाली गुजर जाने के बाद फिर से की जा सकेगी.

2016 में दीवाली के बाद बढ़े प्रदूषण के मुद्दे पर दाखिल एक याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में दिल्ली-एनसीआर में पटाखे की बिक्री पर बैन लगा दिया था. हालांकि 12 सितंबर 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री पर पाबंदी वाले आदेश में संशोधन कर दिया और कुछ शर्तों के साथ पटाखा विक्रेताओं के अस्थायी लाइसेंस की संख्या में 50 फीसदी कटौती करने का आदेश दिया था.

साथ ही कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में दूसरे राज्यों से पटाखे लाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के उक्त फैसले ने एक बार फिर नवंबर 2016 के पुराने आदेश को बहाल करते हुए दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाने का आदेश दे दिया था.

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