‘अमित खान’ के नये उपन्यास का लोकार्पण करेंगे ‘सुरेन्द्र मोहन पाठक’

पहले मिर्ज़ापुर के मुन्ना भाई ‘दिव्येंदु शर्मा’ के साथ ‘जी 5’ पर ‘बिच्छू का खेल’ वेब सीरीज़, फिर ‘डिज्नी प्लस हॉटस्टार’ पर गुरमीत चौधरी के साथ ‘कमाण्डर करण सक्सेना’, फिर ‘द केरला स्टोरी फेम’ अभिनेत्री अदा शर्मा के साथ ‘डिज्नी प्लस हॉटस्टार’ पर ही ‘रीटा सान्याल’ वेब सीरीज़! इन तीनों वेब सीरीज़ में एक बात कॉमन है, यह तीनों सीरीज़ न सिर्फ किताबों पर आधारित है, बल्कि यह वेब सीरीज़ दर्शकों द्वारा बेहद पसंद भी की गयीं और इन तीनों ही किताबों के रचियता ‘अमित खान’ हैं।

और अब ‘अमित खान’ साहित्य विमर्श प्रकाशन से अपना नया उपन्यास लेकर आ रहे हैं- आर्टिस्ट! ‘आर्टिस्ट’ जो हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में एक साथ पब्लिश होगा और इन दोनों उपन्यासों का 15 दिसंबर 2024 को दिल्ली के प्रेस क्लब में 12 बजे, जासूसी उपन्यासों के बेताज़ बादशाह ‘सुरेन्द्र मोहन पाठक जी’ के हाथों लोकार्पण होगा।

अमित खान, जो आज किताबों की दुनिया में किसी परिचय के मोहताज़ नहीं। उनके 100 से ज़्यादा उपन्यास अभी तक छप चुके हैं और उन्हें ‘पेंगुइन’ से लेकर ‘वेस्टलैंड बुक्स’, ‘डायमंड बुक्स’, ‘हिन्द पॉकेट बुक्स’, ‘राज पॉकेट बुक्स’ सभी ने प्रकाशित किया है। देश की बड़ी-बड़ी पत्र-पत्रिकाओं में हिंदी-अंग्रेजी भाषाओं में उनकी कहानियां छपी हैं। फिलहाल वो पिछले कई सालों से मुंबई में हैं और वेब सीरीज़ की दुनिया में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। आइये, उन्हीं ‘अमित खान’ से बात करते हैं।

अपने नये उपन्यास ‘आर्टिस्ट’ के बारे में कुछ बताइये?

यह एक सुपर नेचुरल थ्रिलर है। एक मर्डर मिस्ट्री है। इस उपन्यास की सबसे ख़ास बात यह है कि इस उपन्यास का पूरा ताना-बाना सिर्फ एक ही बंगले के अन्दर बुना गया है और सिर्फ छः मुख्य किरदार इस उपन्यास में हैं।

इतने कम किरदारों के बीच मर्डर मिस्ट्री को उलझाये रखने में आपको प्रॉब्लम नहीं हुई?

बिल्कुल भी नहीं। बल्कि मजा आता है, जब आप कम किरादरों में रीडर्स के दिमाग के साथ खेलते हो। जब किलर रीडर की आँखों के सामने होता है और वह उसे पकड़ नहीं पाता है। यह उपन्यास तो वैसे भी एक खेल है, जिसे रीडर्स को पढ़ने में बहुत मजा आने वाला है। किलर को पकड़ना एक चैलेंज लगने वाला है।

सोशल मीडिया पर इस उपन्यास के विज्ञापन में पढ़ा था कि कहानी में जिस लड़की का मर्डर होता है, वह भी बहुत बड़ा सस्पेंस है । कोई पता ही नहीं लग पा रहा है कि मर्डर किसका हुआ है?

जी हाँ। ज्यादातर मर्डर मिस्ट्री में एक ही सस्पेंस होता है कि ‘किलर’ कौन है? लेकिन इस मर्डर मिस्ट्री में दो-दो सस्पेंस हैं। रीडर को यह भी पता लगाना है कि ‘मर्डर’ किसका हुआ है और मर्डरर कौन है?

तब तो वाकई आपने यह एक जबरदस्त मर्डर मिस्ट्री लिखी है।

जी, कोशिश तो पूरी की है कुछ लीक से अलग हटकर लिखने की। यह पूरा उपन्यास मुनार (केरल) में स्थित है। हीरोइन छाया चाय के बागों की मालकिन है और अपने हसबैंड से बेइंतहा प्यार करती है। लेकिन जबरदस्त थ्रिल की शुरुआत तब होती है, जब छाया के बंगले में ही एक रात मर्डर हो जाता है। सबसे बड़ी बात ये है कि पुलिस से लेकर छाया तक सबको पता है कि उस रात, उस बंगले में एक मर्डर हुआ है। लेकिन यह कोई नहीं जानता कि मर्डर किसका हुआ है? लाश कहाँ है? मर्डर किसने किया है? यही सारे सवाल है, जो उपन्यास को बड़ी मनोरंजक दिशा में आगे लेकर जाते हैं।

उपन्यास की ‘टैग लाइन’ भी आपने कमाल चुनी है, क्योंकि ‘मर्डर’ करना भी एक ‘आर्ट’ है। इतनी कमाल टैग लाइन आपको कैसे सूझी? क्योंकि यह रीडर्स को बेहद आकर्षित कर रही है।

जब आप कुछ नया करना चाहते हैं, तो नये-नये थॉट आपके दिमाग में अपने आप आने लगते हैं। इस उपन्यास में ‘आर्टिस्ट’ एक ‘किलर’ को कहा गया है। ऐसा किलर, जो अपने प्रोफेशन पर गर्व करता है। उसी का कहना है, मर्डर करना भी एक आर्ट है।

‘आर्टिस्ट’ का ‘सुरेंद्र मोहन पाठक साहब’ के हाथों से लोकार्पण हो रहा है, यह कैसा लग रहा है?

बेहद शानदार। बचपन से पढ़ा है उन्हें। इससे अच्छा क्या हो सकता है कि आज उन्हीं के हाथों से मेरे नये उपन्यास का लोकार्पण हो रहा है। वैसे भी पाठक साहब जितने अच्छे लेखक हैं, उतने ही अच्छे इंसान भी हैं। मैंने उनसे ‘आर्टिस्ट’ के लोकार्पण करने के लिये कहा और उन्होंने तुरन्त ‘हाँ’ कहा। मैं उनका आभारी हूँ।

अपने आगामी प्रजेक्ट्स के बारें में कुछ बताइये?

कई वेब सीरीज के अलावा एक फिल्म की स्क्रिप्ट पर भी काम कर रहा हूँ। इसके अलावा एक नया उपन्यास भी है, जिसे मैं लिख रहा हूँ। समय आने पर सब प्रोजेक्ट्स की एक-एक करके घोषणा होती चली जायेगी।

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