कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में अब दाे ही उम्मीदवार बचे हैं। झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी का नामांकन रद्द हाे गया है। चुनाव प्राधिकारी मधुसूदन मिस्त्री ने बताया 20 फॉर्म जमा हुए थे। जांच में चार खारिज हाे गए। इनमें हस्ताक्षर से जुड़ी विसंगतियां थीं। त्रिपाठी ने एक ही परचा भरा था जाे प्रस्तावक के हस्ताक्षर का मिलान न हाेने और हस्ताक्षर का दोहराव हाेने से खारिज हाे गया। इसके बाद मैदान में मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर रह गए हैं।
8 अक्टूबर तक नामांकन वापसी का इंतजार
मिस्त्री ने कहा, नाम वापसी की आखिरी तारीख 8 अक्टूबर है। काेई एक नाम वापस नहीं लेता ताे वोटिंग की तैयारी होगी। इस बीच, खड़गे ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके चलते उनकी जगह नए नेता की तलाश शुरू हो गई है। इसी सदन में आकर सरकार विपक्ष के एकजुट हमले होने पर फंसती रही है। यहां संख्याबल कांटे का है।
नेता प्रतिपक्ष के लिए भी चार दावेदार
सूत्रों के अनुसार इसके लिए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक, चीफ व्हिप जयराम रमेश, मप्र के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का नाम दावेदारों में हैं। अध्यक्ष पद के लिए खड़गे की उम्मीदवारी के बाद दिग्विजय ने अपना नाम वापस ले लिया था।
कांग्रेस और गांधी परिवार का डीएनए एक थरूर
जी-23 की मुखर आवाज रहे थरूर के सुर अध्यक्ष का उम्मीदवार बनते ही बदल गए हैं। उन्होंने कहा, गांधी परिवार और कांग्रेस का डीएनए एक है। कांग्रेस की ऐतिहासिक भूमिका रही है, जिसमें गांधी व नेहरू परिवार के लोगों ने बड़े रोल निभाए। कोई भी अध्यक्ष इतना बेवकूफ नहीं कि गांधी परिवार को गुडबाय बोले।
गांधी परिवार बड़ा एसेट है। थरूर ने कहा कि मैं केरल में भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होकर आया हूं। मैंने लोगों में राहुल गांधी के प्रति उत्साह देखा है। कांग्रेस का जो नया अध्यक्ष चुनकर आए, उसे भारत जोड़ो यात्रा आगे बढ़ानी चाहिए।