शहजाद अंसारी
बिजनौर। आकांक्षा हॉस्पिटल में मरीजों का उत्पीडन किया जा रहा है। नार्मल डिलीवरी को भी सीजर कर मोटी रकम वसूली जाती है। हॉस्पिटल को लूट खसौट का अड्डा बना रखा है। पीडित व्यक्ति ने इस सम्बंध में मुख्यमंत्री पोर्टल पर ऑनलाईन शिकायत दर्ज कराते हुए जांच की मांग की है।
जानकारी के अनुसार नगीना निवासी मौ. शारिक विगत दिनों अपनी पत्नी को लेकर बिजनौर के रेलवे स्टेशन के निकट स्थित आकांक्षा हास्पिटल गये। लेडी डा. इन्दू मिश्रा ने उनकी पत्नी को हास्पिटल में भर्ती कर लिया और उन्हे विश्वास दिलाया कि वह नार्मल डिलीवरी करेगी। जबकि शुरू से ही मरीज उनके ही इलाज में रहा है। शारिक का आरोप है कि रात्रि में 11 बजे चिकित्सक ने उनसे कहा कि नार्मल डिलीवरी नही होगी सीजर करना पड़ेगा। उन्हे चिकित्सक और हास्पिटल के स्टाफ ने चारो तरफ से भयभीत करना शुरू कर दिया कि मरीज को खतरा है। उसकी जान भी जा सकती है जल्दी करें। आरोप है कि शारिक को सोचने व सलाह करने का भी समय नही दिया गया।
शारिक ने डा. इन्दू मिश्रा ने यह भी कहा कि आप नार्मल डिलीवरी करे और मै आपकी फीस आप्रेशन की अदा करूंगा। लेकिन उन्होने कुछ भी सुनना गवारा नही किया और उन्हे उनके परिजनों को टार्चर करते हुए आनन फानन में उनसे सहमति लेते हुए उनकी पत्नी का आप्रेशन कर डाला। उन्होने यह भी कहा कि हम अपने मरीज को कहीं और दिखा लें इसके लिए भी वह तैयार नही हुई। बल्कि उन्हे भयभीत करती रही। आरोप है कि डिलीवरी के पश्चात बच्ची के जन्म लेने पर चिकित्सक ने कहा कि बच्ची को मशान में रखना पड़ेगा। और पांच हजार रूपये प्रतिदिन इसका खर्च होगा। उनके हास्पिटल में बच्ची को मशीन में नही रखने पर चिकित्सक इन्दू मिश्रा ने उनके साथ अभ्रद व्यवहार किया और उनके मरीज को मंहगी दवाईयां और मंहगी जांच भी अपने हास्पिटल से लिख डाली।
इतना ही नही चिकित्सक ने उनके मरीज को दिखाना भी गवारा नही किया। जो कोई भी मरीज को देखने के लिए उनसे कहने जाता उसी को डांट कर भगा दिया जाता। आरेप है कि हास्पिटल में अनट्रेन स्टाफ है और उनमें अधिकतर पुरूष है। जोकि महिला रेगी के रूम में जाते है। शारिक ने मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी बिजनौर, मुख्य चिकित्साधिकारी बिजनौर, नाडल अधिकारी बिजनौर आदि को शिकायत करते हुए आकांशा हास्पिटल बिजनौर की जांच कराये जाने की मांग की है। उन्होने कहा कि चिकित्सक पहले तो मरीज को लुभाती है कि नार्मल डिलीवरी होगी लेकिन मध्यरात्रि में ही रोगी के तीमारदारों परिजनों को भयभीत कर जबरन नार्मल डिलीवरी का भी आप्रेशन कर डालती है।
आप्रेशन के लिए नशा देने वाले चिकित्सक के नाम पर मोटी रकम मरीज से लेती है लेकिन नशे वाले नही बुलाया जाता। अपने हास्पिटल में ही सब जांच की जाती है। जिनकी मोटी रकम वसूल की जाती है। बाहरी जांचों को वह नही मानती है। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन भी लगा रखी है। जिसके लिए योग्य स्टाफ भी नही है। उन्होने हास्पिटल की जांच किये जाने और चिकित्सक के विरूद्ध कार्रवाई किये जाने की मांग की है।
( फोटो बिजनौर 01 )