
-अस्वस्थ होने के कारण शताब्दी समारोह में सम्मानित भी नही हो सके सेनानी कोदई, उनके पुत्र को किया गया था सम्मानित
-राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार, पुलिस ने दिया कंधा
-शताब्दी समारोह में सम्मानित हुए थे डीहघाट निवासी कोदई राय के पुत्रगोरखपुर। चौरीचौरा कांड में जेल की सजा काटने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व.रामधारी राय के पुत्र कोदई राय (90) का शुक्रवार की सुबह बीमारी के कारण गोरखपुर के एक अस्पताल में निधन हो गया। श्री राय को बीमारी के कारण उनके परिजनों ने इलाज के लिए गुरुवार को ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था। सेनानी आश्रित कोदई राय के पुत्र हरिओम राय ने डीहघाट गांव के समीप राप्ती नदी के तट पर उन्हें मुखग्नि दी। सेनानी के निधन की सूचना पर एसडीएम पवन कुमार, तहसीलदार लालजी विश्वकर्मा, बरही चौकी रुद्र प्रताप सिंह पहुंचे और शव को कंधा दिया और उनका राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कराया। सूचना पर हियुवा के जिला प्रभारी आनंद शाही, वीरेंद्र यादव, राम दुलारे चौधरी, विनय राय, बाल गोविंद शर्मा व अन्य तमाम लोगो ने सेनानी को अंतिम विदाई दी और श्रद्धांजलि अर्पित किया। —————
झंगहा क्षेत्र के डीहघाट निवासी कोदई राय समय के साथ अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में पहुँच गए थे। श्री राय के पिता स्व. रामधारी राय को ब्रिटिश हुकूमत ने सजा सुनाते हुए उन्हें जेल में डाल दिया था। जेल में सजा काटने के दौरान ही उनकी मौत हो गई थी। जब उनकी मौत हुई थी, उस समय कोदई राय मात्र 4 वर्ष के थे। इतने लंबे समय बीतने के बाद चार फरवरी को सम्मान पाने का उन्हें एक मौका भी मिला लेकिन उनका सपना अधूरा रह गया। कोदई राय चौरीचौरा समाहरोह में जाने व सम्मान पाने के लिए काफी उत्सुक थे। लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। गुरुवार 4 फरवरी को ही सुबह उनकी तबियत अचानक खराब हो गई थी। परिजन उन्हें इलाज के लिए गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। उधर बेड पर लेटे होने के बाबजूद उनकी आंखों में सम्मान न पाने व समाहरोह में न पहुँच पाने का मलाल दिख रहा था। श्री राय के न पहुँच पाने के कारण परिवार से उनके पुत्र हरिओम राय समाहरोह में पहुँचे थे। परिवार के लोग जहाँ एक तरफ सम्मान पाने से खुश थे वही श्री राय तवियत खराब होने को लेकर काफी चिंतित थे। 5 फरवरी शुक्रवार को सुबह ही श्री राय की अस्पताल में सांस थम गई। उनके निधन की सूचना पाकर एसडीएम चौरीचौरा पवन कुमार, तहसीलदार लालजी विश्वकर्मा उनके पैतृक गांव डीहघाट पहुँच कर उनके परिजनों से मुलाकात किया और सांत्वना देकर परिजनों से यथा संभव मदद करने की बात कही। साथ ही उनके अंतिम यात्रा और दाह संस्कार में भी मय पुलिस फोर्स के साथ मौजूद रहा। श्री राय का दाह संस्कार राप्ती नदी के किनारे डीहघाट के तट पर किया गया। पुलिसकर्मियों ने उन्हें सैल्यूट करके उन्हें अंतिम सलामी दी।