करोड़ों रुपए राजस्व देने के बाद भी नहीं हो सका आम मण्डी का निर्माण
उन्नाव। जनपद के हसनगंज ब्लाक क्षेत्र को नब्बे के दशक आम फलपट्टी क्षेत्र घोषित किया गया था लेकिन 29 साल बाद भी आम बागानों को मिलने वाली सुविधाएं नगण्य है जबकि फरहदपुर आम मंडी में मंडी परिषद द्वारा करोड़ों रुपए का राजस्व वसूल किया जाता है। आम बागान मालिक क्षेत्रीय विधायक व सांसद से दर्जनो बार मंडी निर्माण कराने के लिए गुहार लगा चुके हैं। जनप्रतिनिधियों द्वारा केवल कागजी खाना पूर्ति कर कार्यवाही केवल कागजों में ही सिमट कर रह गयी है।
मालूम हो कि मंडल की सबसे बड़ी तहसील हसनगंज में फरहदपुर आम मंडी चल रही है। जहाँ पर कई राज्यों से व्यापारी आकर आम की खरीद-फरोख्त सीधे किसान से करते हैं। जिससे एक सीजन में एक करोड़ रुपए से अधिक राजस्व का फायदा मंडी परिषद उठा रही है फिर भी क्षेत्र के आम बागान मालिकों से लेकर व्यापारियों तक को मंडी परिषद से कोई सुविधायें नही मिल पा रही है। इसके लिए किसानों ने दर्जनों बार सत्तारूढ़ क्षेत्रीय विधायक से लेकर सांसद तक से आम फल मंडी बनवाने के लिए गुहार लगाई।
जिस पर क्षेत्रीय विधायक ब्रजेश रावत ने आम फल मंडी बनवाने का प्रस्ताव शासन को भेजा। जिसको शासन ने आम फल मंडी स्वीकृत करने के लिए जिला प्रशासन से सुरक्षित भूमि आदि उपलब्ध कराने के लिए रिपोर्ट मांगी थी। डीएम के निर्देश पर लेखपाल वीके अवस्थी व मंडी परिषद के निरीक्षक आर के पाण्डेय आदि ने संयुक्त रूप से नगर पंचायत न्योतनी में जमीन की नाप जोख कर रिपोर्ट भेजी लेकिन एक वर्ष गुजरने के बाद भी सभी कांगजो में दफन होकर रह गई है।
इस वर्ष 2019 में फिर आगामी जून माह से मोहान अजगैन रोड पर फरहदपुर पुलिया पर एक जून से कच्चे आम की खरीद फरोख्त व्यापारी किसानों से शुरू कर देता है। हसनगंज क्षेत्र की फरहदपुर मशहूर आम मंडी में जनपद के साथ साथ दूरस्थ राज्यों व महानगरों से व्यापारी एक जून से डेरा जमा देते हैं। लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, झांसी, बनारस, गोरखपुर, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, मेरठ, भोपाल आदि शहरों व महानगरों में हसनगंज के दशहरी, चौसा, लगडा, बनारसी, लखनऊवा आदि आमों की खरीदारी व्यापारी करता है।
क्या कहते है जिम्मेदार
मंडी समिति निरीक्षक आरके पाण्डेय ने इस संबंध में बताया कि जिस स्थान पर मंडी बनने का प्रस्ताव पास हुआ था वो जगह नगर पंचायत न्योतनी में आती है। लगभग 15 बीघे भूमि का निरीक्षण किया गया है। जिसकी स्वीकृति के लिए टाउन कार्यालय से प्रस्ताव मांगा गया था। लेकिन नगर पंचायत से एक साल बाद भी कोई प्रस्ताव नही दिया गया जिससे आगे की कार्यवाही के लिए पत्रावली नहीं भेजी जा सकी है।
नगर पँचायत अध्यक्ष मनीष राठौर ने बताया कि मंडी समिति इस्पेक्टर आरके पाण्डेय ने जमीन का प्रस्ताव मांगा था लेकिन बोर्ड की सहमति न होने के कारण प्रस्ताव नही तैयार हो सका उसके बाद मंडी परिषद की लापरवाही के चलते दोबारा कोई पहल नहीं की गई।
मोहान विधानसभा क्षेत्र के विधायक ब्रजेश रावत ने बताया कि मंडी बनने का प्रस्ताव भी पास हो गया था बहुत ही जल्द मंडी बनने की शुरुवात हो जाएगी जिससे ब्यापारियों को माल खरीद फरोख्त करने में कोई दिक्क्क्त नही होगी। मंडी बनने से बाग मालिको को फायदा होगा तथा शासन से सभी सुविधाएं मिलेगी।