क्षेत्र के विकास व पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ कई नई परियोजनाओं को किया गया। शामिल आमजन मानस के साथ औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा
भास्कर समाचार सेवा
पाकबड़ा। बहुप्रतीक्षित मुरादाबाद मास्टर प्लान को आख़िरकार शासन की स्वीकृति सोमवार को प्राप्त हो गई। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ नितिन रमेश गोकर्ण के 1 जुलाई के शासनादेश द्वारा प्राधिकरण को इस आशय की सूचना प्रेषित की गई है। इसी के साथ लगभग 4 वर्षों से अधिक समय से प्रचलित मैराथन प्रक्रिया का पटाक्षेप हो गया। वर्ष 2019-20 से स्थलीय जीआइएस सर्वे का कार्य प्रारंभ होने के बाद, प्रथम ड्राफ्ट जनवरी-2022 में प्रकाशित किया गया था। ड्राफ्ट बनने की प्रक्रिया में विभिन्न हितधारकों, निर्यातकों, उद्यमियों, शिक्षाविदों, जनप्रतिनिधियों तथा विभिन्न शासकीय विभागों के साथ प्राधिकरण द्वारा अनगिनत मीटिंगों का आयोजन किया गया। मार्च-जून 2022 के समय जनसामान्य से आपत्ति सुझाव माँगे गये, जिनका निस्तारण करने के बाद नवंबर 2022 में प्राधिकरण बोर्ड द्वारा महायोजना का अंतिम ड्राफ्ट अनुमोदित किया गया। जनवरी -2023 व फरवरी 2024 में शासन स्तर पर दो बार उपाध्यक्ष द्वारा मास्टर प्लान का प्रस्तुतीकरण शासकीय समिति को किया गया। शासकीय समिति के तकनीकी सुझावों का समायोजन करते हुए प्राधिकरण बोर्ड द्वारा महायोजना को मार्च-2024 में स्वीकृति हेतु भेजा गया था। आम चुनावों के कारण मुख्यमंत्री जी के समक्ष महायोजना का प्रस्तुतीकरण जून 2024 में हुआ जिस पर हरी झंडी मिलने के बाद शासन द्वारा अब स्वीकृति जारी की गई है। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की स्थापना 1981 में हुई थी, जबकि 1995 में नगर निगम क्षेत्र घोषित किया गया। पहली महायोजना 1985 में लागू हुई थी जो 2001 तक प्रभावी थी, दूसरी महायोजना-2021 वर्ष 2013 में लागू हुई जो वर्तमान तक प्रभावी थी। प्राधिकरण के मूल विकास क्षेत्र में नगर निगम एरिया सहित कुल 180 राजस्व ग्राम सम्मिलित थे तथा विकास क्षेत्र लगभग 383 वर्ग किमी में फैला हुआ था। हाल ही में शासन द्वारा प्राधिकरण क्षेत्र में 71 नये गाँवों को जोड़े जाने की मंज़ूरी भी दे दी गई है। इससे प्राधिकरण का विकास क्षेत्र बढ़कर लगभग 530 वर्ग किमी हो जाएगा।