
मुंबई। डार्विन प्लेटफॉर्म रिफाइनरीज़ लिमिटेड (DPRL), जो भारत के रिफाइनिंग और ऊर्जा क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी है, इस साल अक्टूबर में दिवाली से पहले भारतीय शेयर बाजार में धमाकेदार एंट्री करने जा रही है। बाजार से जुड़े सूत्रों के अनुसार, कंपनी पूंजी बाजार में उतरकर अपने आक्रामक विस्तार योजनाओं को गति देना चाहती है।
आईपीओ के तहत प्रति शेयर मूल्य बैंड ₹410 से ₹1,200 के बीच निर्धारित किया गया है, जिसकी अंतिम कीमत बुक बिल्डिंग प्रक्रिया के माध्यम से तय की जाएगी। खुदरा निवेशकों और कर्मचारियों को विशेष छूट दी जाएगी, जिसकी घोषणा ऑफर खुलने से पहले की जाएगी। इस प्रस्ताव का ढांचा इस प्रकार होगा – 50% शेयर योग्य संस्थागत खरीदारों (QIBs) के लिए, 15% गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए और 35% खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित होगा। यह इश्यू बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) दोनों पर लिस्ट किया जाएगा, जिसमें BSE प्रमुख एक्सचेंज होगा।
कंपनी ने दिसंबर 2024 में अपना रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) दाखिल किया था, जिसमें सार्वजनिक प्रस्ताव की रूपरेखा पेश की गई थी। यह आईपीओ प्रमोटरों द्वारा ऑफर फॉर सेल के रूप में 16 अरब इक्विटी शेयरों का होगा, जिनकी फेस वैल्यू ₹10 प्रति शेयर है। प्रमोटरों में डार्विन प्लेटफॉर्म ग्रुप ऑफ कंपनीज़ के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अजय हरिनाथ सिंह प्रमुख हैं, जिनकी रणनीतिक नेतृत्व क्षमता ने डार्विन को ऊर्जा क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला में आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उद्योग विश्लेषकों के अनुसार, DPRL ने पिछले तीन वर्षों में मजबूत राजस्व और दोहरे अंकों वाले मुनाफे की रिपोर्ट दी है। इसकी वजह कंपनी की उच्च मांग वाले रिफाइंड उत्पादों पर केंद्रित रणनीति और संचालन में दक्षता को माना जा रहा है। कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन में लगातार आठ तिमाहियों से स्थिर वृद्धि और लाभ देखा गया है, जिससे यह एक स्थिर और भरोसेमंद निवेश विकल्प बन रही है।
इस आईपीओ का प्रबंधन जेएम फाइनेंशियल कंसल्टेंट्स, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया, डीएसपी मेरिल लिंच, मॉर्गन स्टैनली इंडिया, एचएसबीसी सिक्योरिटीज और नोमुरा फाइनेंशियल एडवाइजरी जैसी दिग्गज संस्थाएं करेंगी, जिससे इस इश्यू की विश्वसनीयता और व्यापकता को बल मिलता है। लिंक इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को इस ऑफर के लिए रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया है।
ऊर्जा बाजारों में बदलाव के इस दौर में, रिफाइनिंग क्षमता को रणनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है और ऐसे समय में डार्विन का बाजार में उतरना दूरदर्शी कदम माना जा रहा है। एक सेक्टर विशेषज्ञ ने कहा, “यह केवल पूंजी जुटाने का मामला नहीं है, बल्कि भारत की ऊर्जा परिवर्तन यात्रा में डार्विन की अग्रणी भूमिका को सुदृढ़ करने का प्रयास है।”
जैसे-जैसे अक्टूबर करीब आ रहा है, डार्विन रिफाइनरीज़ का यह आईपीओ 2025 के सबसे चर्चित सार्वजनिक निर्गमों में से एक माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि यह कदम ऊर्जा और अधोसंरचना क्षेत्र में आगामी कई आईपीओ की नींव रख सकता है, क्योंकि बाजार की धारणा फिलहाल सतर्क आशावाद से भरी हुई है।
हालांकि DPRL की ओर से आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है और अंतिम नियामकीय मंजूरियों का इंतजार है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि कंपनी की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। बाजार विश्लेषक इसे भारत ही नहीं, वैश्विक ऊर्जा रिफाइनिंग और वितरण क्षेत्र में कंपनी की मज़बूत उपस्थिति स्थापित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम मान रहे हैं।