शहर और ग्रामीण अंचल में चिल्लर व्यवसायी प्याज बेचने के नाम पर जमकर मुनाफाखोरी कर रहे हैं। थोक व्यवसायी से 50 रुपये प्रति किलो के भाव से प्याज खरीदकर लोगों को 60 से 70 रुपये किलो में बेच रहे हैं। प्रति किलो सीधे 10 से 20 रुपये कमा रहे हैं। मुनाफाखोर व्यवसायियों पर लगाम लगाने और मूल्य नियंत्रण करने में शासन-प्रशासन विफल साबित हो रहा है। खाद्य विभाग जिले के प्याज के दो थोक व्यवसायियों की बैठक लेकर ग्राहकों को जागरूक करने के लिए उनकी दुकानों के समक्ष स्टाल लगाकर सही दाम में लोगों को प्याज बेचने की पहल करने की बात कह रहा है।
शहर की किराना दुकानों और बाजार में प्याज अलग-अलग भाव से बिकता रहा है। कुछ दुकानदार 60 रुपये किलो, तो कुछ दुकानदार 70 रुपये किलो में प्याज बेच रहे हैं। बाजार में भी प्याज का भाव 60 और 70 रुपये चल रहा है। शहर के थोक व्यापारियों ने बताया कि थोक में प्रति किलो प्याज 50 रुपये बिक रहा है। साप्ताहिक बाजार किराना दुकान व चौक चौराहों पर प्याज बेचने वाले लोग प्याज के किल्लत को लेकर जमकर मुनाफाखोरी कर रहे हैं, यही कारण है कि प्याज का भाव 70 रुपये प्रति किलो हो गया है।
मार्केट में प्याज की किल्लत बताकर फायदा कमाने के लिए कृषि मूल्य वृद्धि का दाम बढ़ाया जा रहा है। इससे ग्राहकों की जेब ढीली हो रही है, रसोई का बजट भी बिगड़ने लगा है । शहर के नागरिकों ने इस पर तत्काल जांच की मांग की है। इस संबंध में जिला खाद्य अधिकारी संतोष दुबे ने बताया कि शहर के थोक प्याज व्यवसायियों की कलेक्टर की मौजूदगी में बैठक ली जाएगी। बैठक में मुनाफोखारी पर ब्रेक लगाने संबंधी चर्चा कर कदम उठाए जाएंगे। दोनों थोक व्यवसायियों की दुकान के सामने स्टाल लगाकर लोगों को सही दाम पर प्याज उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि मुनाफाखोरी से ग्राहक जागरूक हो सकें।
यह स्टाल शहर के घड़ी चौक के पास और सिहावा रोड में थोक आलू-प्याज विक्रेता की दुकान के पास लगेगा। जहां से लोग प्याज के सही दाम 50 रुपये किलो में प्याज खरीद सकेंगे। शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।