- मनमाने तरीके से मानकों के विपरीत चल रहे पैथालोजी सेंटर।
- पैथालोजियों पर नहीं है योग्य चिकित्सक व रेडियोलाजिस्ट।
गोला गोकर्णनाथ,(लखीमपुर)ः शहर में एक ओर जहां धडल्ले से मानकों का उल्लंघन करते हुए मरीजों के उपचार के लिए अस्पताल खुलते जा रहे है। वहीं दूसरी ओर मांग व पूर्ति के नियम के तहत मरीजों की जांच के लिए धलडल्ले से पैथालोजी सेंटर भी खुलते जा रहे है। शहर में तकरीबन बीस से पच्चीस पैथालोजियां संचालित हो रही है।
ऐसे ही एक मामले मे उदय सिंह पुत्र मेवालाल निवासी ग्राम लीलापुर ग्रंट लंदनपुर थाना हैदराबाद ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि 31 अगस्त को उसकी पत्नी की एक जांच के लिए लाइफ केयर डायग्नोस्टिक सेटर लखीमुपर रोड पर गया। जहां जांच में हीमोग्लोबिन 4.2 बताया गया। जिस पर चिकित्सक के संतुष्ट न होने पर मरीज की दूसरी जांच साक्षी पैथालोजी से कराई तो रिपोर्ट में 10.3 बताया गया। जिस पर वह लाइफ केयर पैथालोजी सेंटर पहुंचा। शिकायत दर्ज कराने पर पैथालोजी के संचालक सहित स्टाफ ने अपनी ही रिपोर्ट को सही बताते हुए धमकी दी। कि जो करना हो कर लेना। इसके बाद पीडित ने तीसरी लैब में जांच कराई जहां उसे हीमोग्लोबिन 10.4 बताया गया। पैथालोजियों की अलग अलग जांचों से परेशान होकर पीडित ने लाइफ केयर सेंटर के संचालक पर गलत रिपोर्ट देकर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कोतवाली पुलिस को तहरीर दी है। जिस पर पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
हालात इस कदर बेकाबू है कि जांच कराने वाले मरीज की हर पैथालोजी की जांच कुछ अलग ही बीमारी बयान करती है। कुछ जांचों में इस कदर झोल होता है कि मरीज देखकर ही बेहोश हो जाए। तो कुछ लैबों की जांच मरीज को बिल्कुल सही बताती है। जिस पर होशियार चिकित्सक भी उलझन में पड जाता है। कि जांच सहीं है या फिर उसकी चिकित्सा की डिग्री में कहीं कोई कमी रह गई। यहां के पैथोलाजिस्ट कुशल अनुभवी चिकित्सकों के लिए भी चुनौती बने हुए है। ऐसे ही एक मामले में एक मरीज की यूरिक एसिड की रिपोर्ट एक लैब ने बिल्कुल सहीं बताई। जबकि दूसरे लैब की जांच रिपोर्ट में बहुत बढी हुई बताई गई। जिस पर चिकित्सक हैरत में पड गए। कि एक रिपोर्ट को माने तो या तो आप बीमारी का नाटक कर रहे है। आप पूरी तरह से स्वस्थ है। जबकि दूसरी रिपोर्ट के अनुसार उनके द्वारा पूर्व से उपचार व दवाएं दी जा रही है। शहर के एक आध को छोडकर किसी भी पैथालोजी पर योग्य जांच चिकित्सक व रेडियोलाजिस्ट नहीं है। जिसके चलते मरीजों का जमकर आर्थिक शोषण हो रहा है।
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सीएचसी अधीक्षक गोला डॉ. गनेश कुमार ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है। जांच की जा रही है। इसके बाद ही कुछ बताया जा सकेगा।