बोरवेल में गिरे मासूम का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, दादी आवाज दे बच्चे को जगाने में जुटी

‘राहुल..बेटा बाहर आ जा, बाहर आ जा बेटा…तेरे लिए नयी साइकिल लाए हैं’…’ राहुल…बेटा आ जा, कोरबा जाएंगे…क्या खाएगा बता बेटा ‘ ये करूण पुकार है उस दादी की जो 30 घंटे से 50 फीट गहरे बोरवेल में फंसे अपने बच्चे को जगाए रखना चाहती है। जांजगीर के पिहरीद का राहुल शुक्रवार दोपहर खेलते हुए मकान के पीछे खोदे गए बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था। तब से उसे बचाने के प्रयास जारी हैं।

10 साल के राहुल को बचाने के लिए 36 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। बोरवेल के ठीक बगल में 60 फीट से ज्यादा की खुदाई हो गई है। अब इतनी ही खुदाई के बाद गड्‌ढे को चौड़ा किया गया है। इसके बाद अब टनल खोदने का काम शुरू किया गया है। NDRF, SDRF, सेना के जवान अब टनल बनाने के लिए गड्‌ढे में नीचे के तरफ उतरे चुके हैं। राहुल के माता-पिता, दादी और रिश्तेदार लगातार उसे आवाजें दे रहे हैं और इस पर वो रिस्पांस भी कर रहा है। कैमरे में उसकी हलचल देखी जा रही है। राहुल का बोलने-सुनने में सक्षम नहीं होना इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन में सबसे बड़ी चुनौती है।

शुक्रवार दोपहर 2 बजे के आस-पास वह बोरवेल में गिरा था। जिसके बाद से वह वहीं फंसा हुआ है। रेस्क्यू में मदद के लिए सेना के जवानों को भी बुलाया गया था। गुजरात से रोबोट इंजीनियर महेश अहीर को बुलाया गया है।राहुल अंदर सो ना जाए, इसलिए उसके रिश्तेदार, गांव वाले लगातार उसे आवाजें दे रहे हैं। अभी कुछ देर पहले अंदर से उसके हलचल करने के विजुअल्स आए हैं। इससे सभी को हिम्मत मिल रही है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बच्चे को सुरक्षित निकालने के लिए निर्देश दिए हैं। उन्होंने बच्चे के माता पिता से फोन पर बात की है। सीएम ने उन्हें राहुल की सकुशल वापसी का भरोसा दिलाया है। मुख्यमंत्री ने उनसे कहा है कि पूरा शासन प्रशासन राहुल की सकुशल वापसी के लिए लगा हुआ है। आप लोग धैर्य रखें, राहुल की सकुशल वापसी होगी। वहीं सीएम ने जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से बात कर पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली है।

कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला और एसपी विजय अग्रवाल ने राहुल के परिजनों से मुख्यमंत्री की बात कराई है। राहुल के पिता राम कुमार साहू ने सीएम को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है और मदद मांगी है। वहीं कलेक्टर ने सीएम को बताया कि उनके निर्देश पर गुजरात से रोबोट इंजिनियर को बुलाया गया है। बताया जा रहा है कि इसी रोबोटे के माध्यम से गुजरात में एक बच्चा के सफल रेस्क्यू किया गया था। बातचीत के दौरान जिले के एसपी विजय अग्रवाल भी मौजूद थे।

प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद है और प्रयास कर रही है कि जल्द ही राहुल को निकाल लिया जाए। साथ ही रायपुर से सेना के जवान भी मौके पर पहुंचे हुए हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि बच्चे को निकालने में अभी कम से कम से 2 से 3 घंटे का वक्त और लग सकता है। रात के करीब 8 से 9 बजे के बीच बच्चे को निकाला जा सकता है। प्रशासन ने शुक्रवार शाम 5 बचे से ये रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया था। पिछले 26 घंटे से यह जारी है।

सुबह बताया गया था कि 4 घंटे में काम हो सकता है। मगर बाद में कहा गया 4 से 5 घंटे अभी और वक्त लगेगा। प्रशासन ने कुछ समय पहले रस्सी के सहारे बच्चे को निकालने का भी प्रयास किया था, लेकिन वह सफल नहीं रहे।

प्रशासन ने कहा है कि समय इसलिए भी ज्यादा लगा रहा है कि गड्‌ढे में केसिंग पाइप नहीं डला है। इस वजह से हम गड्‌ढे को दूर से खोद रहे हैं। यदि पास से खोदेंगे तो वाइब्रेशन से मिट्‌टी धसक सकती है और बच्चे को खतरा हो सकता है। शासन का कहना है चेन माउंटेन जो गड्‌ढा कर रही है उसे रास्ता बनाने में समय लगता है। इस वजह से भी गड्‌ढा करने में भी देरी हो रही है। साथ ही गड्‌ढा करने के वक्त काफी पत्थर निकल रहा है, बच्चा बोल सुन भी नहीं सकता है, इसलिए भी निकालने में काफी दिक्कत होती है।

जानकारी के अनुसार, बच्चे ने रात को 1 बजे के आस-पास मूवमेंट करना बंद कर दिया था। जिसने प्रशासन को चिंता में डाल दिया था। सुबह 5 बजे के आस-पास मूवमेंट होने लगा, जिसके बाद सभी ने थोड़ी राहत की सांस ली। लोगों ने बताया कि राहुल के पिता लाला साहू ने घर की बाड़ी में बोर खुदवाया था। वह बोर फेल हो गया था। इसके बाद बिना केसिंग डाले ही बोर को खुला छोड़ दिया गया। जिसमें राहुल खेलते-खेलते गिर गया। यह भी पता चला है कि लाला साहू ने घर की बाड़ी में दूसरा बोर भी खुदवाया था।

मां-बाप की जान है बड़ा बेटा राहुल

हादसे के बाद से ही राहुल की मां और उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। हर कोई यह उम्मीद लगाए बैठा है कि जल्दी से राहुल को बाहर निकाल लिया जाए। पूरे गांव के लोग भी रात भर उसी जगह पर टिके रहे, जहां पर बच्चा गिरा है। राहुल अपने मां-बाप का बड़ा बेटा है। उसका छोटा भाई 2 साल छोटा है। पिता की गांव में बर्तन दुकान है।

कटक और बिलासपुर से NDRF की टीम मौके पर हैं। कोरबा,रायगढ़ से भी मशीने देर रात पहुंच गई थीं। आसपास के एरिया में बैरिकेडिंग की है। रात को पर्याप्त लाइटिंग की व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा स्वास्थ्य अधिकारियों और एम्बुलेंस की टीम को तैनात किया गया है। ऑक्सीजन सिलेंडर अतिरिक्त तौर पर रखा गया है। CCTV से कलेक्टर सहित अधिकारी नजर रखे हुए हैं। रात में बच्चे को खाने के लिए केला, फ्रूटी सहित अन्य खाद्य सामग्री भेजी गई थी। बोरवेल से राहुल की आवाज और उसकी हलचल पूरी तरह सुनाई और दिखाई दे रही है।

पिहारिद गांव का राहुल साहू (10) पिता राम साहू रोज की तरह शुक्रवार दोपहर में घर के पीछे अपनी ही बाड़ी में खेल रहा था। दोपहर 2 बजे के बाद से उसका कुछ पता नहीं चला। परिजन भी इस बात से बेखबर थे। पता चला है कि उन्हें इस बारे में तब पता चला, जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए। उस दौरान राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्‌ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। बोरवेल का गड्‌ढा 80 फीट गहरा है। बच्चा लगभग 50 फीट गहराई में फंसा है। मौके पर आस-पास के लोग मौजूद हैं।

ये भी बताया गया है कि बच्चा मूक-बधिर है, मांसिक रूप से काफी कमजोर है। जिसके कारण वह स्कूल भी नहीं जाता था। घर पर ही रहता था। इधर, खबर लगने के बाद से परिजन और आस-पास के लोग प्रार्थना कर रहे हैं कि राहुल को जल्द निकाल लिया जाए।

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