किसी भी अधिकारी व कर्मचारी का हडताल अवकाश स्वीकृत न किए जाए : डीएम

शहजाद अंसारी

बिजनौर। जिलाधिकारी अटल कुमार राय ने जनपद के समस्त कार्यालय अध्यक्षों की एक आवश्यक बैठक कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में आहूत की गयी। जिलाधिकारी ने सभी कार्यालय अध्यक्षों को निर्देश देते हुए कहा कि सरकारी संगठनों द्वारा पुरानी पेंशन बहाली एवं अन्य मॉगों के संबंध में 06@02@2019 से कर्मचारी हडताल कर रहे हैं हडताल को दृष्टिगत रखते हुए कहा की उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारीयों की आचरण नियमावली 1956 तथा उत्तर प्रदेश (सेवा संघों को मान्यता) नियमावली 1979 में निम्नलिखित व्यस्थायें है।

  जिलाधिकारी अटल कुमार राय ने नियमों का पालन करने का निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक सरकारी सेवक हर समय अपनी डियूटी के प्रति निष्ठा एवं समर्पण रखेगा तथा कोई सेवक अपनी सेवा या अन्य किसी सरकारी सेवक की सेवा संम्बन्धी मामलों में किसी भी प्रकार की हडताल के लिए न तो सहायता करेगा और न ही उसमें सम्मिलित होगा और उत्तर प्रदेश (सेवा संघों को मान्यता) नियमावली 1979 यथा संशोधित में नियम-4 (ड) के अनुसार सेवा संघ कोई ऐसा कार्य न करेगा और न कोई ऐसा कार्य करने में सहायता देगा जिसको यदि किसी सरकारी सेवक द्वारा किया जाय तो उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956 के किसी उपलब्ध का उल्लंघन हों व नियम-4(ढ) के अनुसार सेवा संघ समान्य और सुचारू रूप से सरकारी कार्य संचालन में बाधा डालने या अवरोध उत्पन्न करने की दृष्टि से अपने सदस्यों को हडताल करने या धीरे कार्य करने या कोई अन्य तरीका अपनाने के लिए न प्ररित करेगा न उकसायेगा न भडकायेगा न उत्तेजित करेगा न सहायता और न सहयोग देगा।

नियम-4(ण) के अनुसार सेवा संघ प्रत्यक्ष या अप्रयक्ष रूप से किसी ऐसे कार्य में भाग नही लेगा जिससे कि सरकारी सेवक को अपने कार्यालय आने या अपने पदीय कर्तव्य का पालन करने में अमित्रास या अवरोध या रूकावट हो। नियम-8 में यह व्यवस्था दी गई है कि यदि मान्यता प्राप्त संघ/महासंघ/परिसंघ उक्त वर्णित नियम-4में उल्लिखित उपरोक्त अपेक्षाओं/शर्तो का उल्लंघन करता है तो उसकी मान्यता वापस ली जा सकती है। अतः उपर्युक्त नियमों/प्राविधानों से अपने नियंत्रणधीन समस्त सरकारी सेवकों तथा मान्यता प्राप्त संघ/महासंघ/परिसंघ को अवगत कराने का कष्ट करें कि धरना,प्रदर्शन अथवा हडताल में शामिल होने की स्थिति में सम्बन्धित सरकारी सेवक के विरूद्व उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली-1999 के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी। उक्त हडताल के दृष्टिगत माननीय मुख्य सचिव महोदय द्वारा निम्नलिखित निर्देश निर्गत किये गये है। उपर्युक्त प्रस्तर-1 एवं-2 में उल्लिखित व्यवस्था के अनुक्रम में प्रभावी कार्यवाही की जाये।

व धरना प्रर्दशन एवं हडताल में भाग लेने के कारण यदि सम्बन्धित कार्मिक के द्वारा कार्य नही किया जाता है तो ऐसे कार्मिक को कार्य नही तो वेतन नही के सिद्वांन्त के आधार पर सम्बन्धित अवधि का वेतन भुगतान न किया जाये। और धरना प्रर्दशन एवं हडताल में शामिल होने के उद्देश्य से अवकाश मांगने वाले कार्मिक का अवकाश स्वीकृत न किया जाये। व कार्य बहिष्कार अथवा हडताल की स्थिति में अपने विभाग से सम्बन्धित अत्यावश्यक सुविधायें बनाये रखे जाने की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।

व किसी अधिकारी/कर्मचारी का हडताल की अवधि में अवकाश स्वीकृत न किया जाये। उक्त के अतिरिक्त यह भी अवगत कराया है कि प्रदेश शासन ने आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम-1968 (म्ण्ैण्डण्।) के अर्न्तगत इस सम्भावित हडताल को प्रतिबन्धित भी किया है। अतः समस्त कर्मचारियों को इस सम्बन्ध में भली-भॉति अवगत करा दिया जायें। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी] अपर जिलाधिकारी प्रशासन] मुख्य चिकित्साधिकारी] परियोजना निदेशक] उपनिदेशक कृषि] जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी] जिला पंचायत राज अधिकारी] जिला कार्यक्रम अधिकारी व जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।

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