भास्कर समाचार सेवा
मेरठ। मंगलवार को सूरज पृथ्वी के बेहद करीब रहा, यानी 147.099 मिलियन किमी, लेकिन फिर भी धरती पर ठंड बहुत जायदा हैं।वैज्ञानिक दीपक शर्मा ने इस बारे में बताया, जरा इसे समझ ले कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा हैं।
वैज्ञानिक दीपक शर्मा बताते हैं, सूरज 38.7 अंश पर होने के कारण उससे धरती पर आने वाली किरणें सीधे नहीं पड़ रही, जिसके कारण वातावरण में बेहद ठंड हैं। वहीं इसका उल्ट देखे तो जून के माह में सूरज कर्क रेख पर होता हैं और हमसे दूर भी, लेकिन तब सूरज की किरणें धरती पर सीधें पड़ रही होती हैं। तेज गर्म लू के थपेड़े हमें सहन करने पड़ते हैं। दीपक शर्मा ने बताया, 22 दिसम्बर को जब सूरज मकर रेखा पर था, तब उत्तरी गोलाद्रव में सबसे छोटा दिन 10 घन्टे 17 मिनट और 33 सेकण्ड था। आज उसमें 3 मिनट 21 सेकंड ज्यादा बढ़ गया हैं। उन्होंने बताया, पृथ्वी सूर्य से सबसे निकटतम स्थिति पर है। उत्तरी गोलार्ध में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, जबकि पृथ्वी अपनी कक्षा में सूर्य के निकटतम स्थिति में था। पृथ्वी पर मौसम परिवर्तन सूर्य से पृथ्वी की दूरी के अनुसार नहीं, पृथ्वी के घूर्णन अक्ष में झुकाव के कारण होते है।