दुनिया को नहीं झेलनी पड़ेगी तीसरे विश्व युद्ध की तबाही : प्रसिद्ध ज्योतिषी अटलांटा कश्यप

नई दिल्ली। समय-समय पर भविष्यवेत्ता विश्व के विनाश तथा तृतीय विश्व युद्ध की चर्चा करते रहते हैं। भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस के अनुसार, तीसरा विश्व युद्ध वर्ष 2024 में शुरू हो सकता है। प्रसिद्ध वैज्ञानिक सर आइजैक न्यूटन ने भविष्यवाणी की थी कि दुनिया 2032 से 2060 के बीच खत्म हो जाएगी। लेकिन विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी अटलांटा कश्यप के अनुसार, न तो तीसरा विश्व युद्ध होगा और न ही दुनिया का कोई महाविनाश होगा। हजारों साल पहले बने माया कैलेंडर में 21 दिसंबर 2012 के बाद की कोई तारीख नहीं दी गई थी; माया सभ्यता के अनुसार यह समझा जाता था कि इस दिन दुनिया खतरे में पड़ सकती है। माया कैलेंडर के अनुसार 21 दिसंबर 2012 को एक ग्रह पृथ्वी से टकराएगा, जिससे पूरी दुनिया नष्ट हो जाएगी। लेकिन सबसे बड़ी बात यह थी कि इससे एक साल पहले अटलांटा कश्यप ने अपनी ज्योतिषीय गणना के आधार पर भविष्यवाणी की थी कि 21 दिसंबर 2012 को पृथ्वी खत्म नहीं होगी और दुनिया का कभी भी बड़ा विनाश नहीं होगा।

अटलांटा कश्यप की ऐसी कई भविष्यवाणियां सच हो चुकी हैं। अटलांटा कश्यप ने कई साल पहले भविष्यवाणी की थी कि भविष्य में भारत पूरी दुनिया में नंबर 1 होगा और भारत विश्व गुरु बनेगा, उनकी भविष्यवाणी सच साबित हुई है। वह एलियंस के बीच टेलीपैथिक बातचीत भी करा रही है। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी अटलांटा कश्यप को सपनों में संभावित घटनाओं का पहले से ही आभास हो जाता है। वह जो भी सपने में देखती है उसे अपने सोशल मीडिया पर शेयर कर देती है और बाद में वह घटना सच साबित होती है। 2019 में अटलांटा ने 25 दिसंबर 2023 से जून 2024 तक भारत की स्थिति बताई थी। 1.1.2024 को भी अटलांटा कश्यप ने अयोध्या राम मंदिर से जुड़ा एक अनोखा सपना देखा था जो 3 दिन बाद सच हो गया। तीसरे विश्व युद्ध की संभावित भविष्यवाणी के बारे में अटलांटा कश्यप का कहना है कि एक आध्यात्मिक ब्रह्मांड कुंजी तीसरे विश्व युद्ध को रोक सकती है। विश्व में प्रेम का धर्म स्थापित करके हम पुन: धरती मां को संतुलित कर सकते हैं। यह अनोखा शोध अयोध्या में प्रभु श्री राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के बाद सामने आया।

विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी अटलांटा कश्यप ने हाल ही में आध्यात्मिक ब्रह्मांड कुंजी नामक एक आध्यात्मिक शोध सिद्धांत पर शोध किया है। यह एक अलग अनोखी गणितीय गणना पद्धति है जो पृथ्वी पर संतुलन, मानव जीवन पर संतुलन, प्रकृति पर संतुलन बना सकती है। अटलांटा कश्यप ने अपने आध्यात्मिक गणित के आविष्कार और गणना को सत्ययोग का मार्ग बताया है। यह ब्रह्मांड कुंजी तीसरे विश्व युद्ध, भूकंप आदि को भी रोक सकती है। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी अटलांटा कश्यप के अनुसार, सब कुछ वैसा ही होगा जैसा प्रकृति में है, लेकिन सब कुछ एक संतुलित चक्र में होगा। समय चक्र के साथ संतुलन बनाकर चलने वाले चक्रों को संतुलित करने वाला आध्यात्मिक आधार। पृथ्वी, ब्रह्मांड की कुंजी, कभी ख़त्म नहीं होगी और सब कुछ संतुलन में रहेगा। पृथ्वी, प्रकृति, सदियों पहले अस्तित्व में थी और आगे भी अस्तित्व में रहेगी। उनका शोध सिद्धांत बहुत जल्द इंसानों को जीवन देगा। दुनिया कभी ख़त्म नहीं होगी, दुनिया ख़त्म होने की सभी कहानियां एक व्यक्ति की सोच की न्यूनतम निश्चित मात्रा मात्र हैं। प्रकृति अपना कार्य करती है, जो उसकी सार्वभौमिक प्रकृति है। यह प्रकृति का स्वाभाविक मार्ग है। इसके लिए आप यह तय नहीं कर सकते कि दुनिया खत्म होने वाली है या आप प्राकृतिक होने के लिए प्रकृति को दोष नहीं दे सकते। प्रकृति कभी ख़त्म नहीं होगी। मनुष्य अभी भी यह नहीं समझ पाया है कि वास्तव में प्रकृति क्या है? सृष्टि सदैव सृजन करती है, यह सृजन की स्वाभाविक प्रक्रिया है जो निरंतर चलती रहेगी।

अटलांटा कश्यप का कहना है कि यह ब्रह्मांड कुंजी गणित मानव जीवन और प्रकृति के लिए सांस की तरह हमेशा मौजूद रहेगी अब मनुष्य इसे कभी नहीं खोएगा।शीघ्र ही मानव जीवन की गुप्त विधि गणित की पुस्तक के रूप में प्रकाशित होगी। अटलांटा कश्यप एक भारतीय ज्योतिषी हैं, जो कई आध्यात्मिक विषयों पर शोध कर रहे हैं। जो इस दुनिया के सबसे प्राचीन मिथक हैं, भगवान कल्कि अवतार, कई प्राचीन मिथक हैं जो इस पूरे विश्व की हर संस्कृति से जुड़े हुए हैं। भविष्य में अटलांटा कश्यप के कई शोध सिद्धांत भी विज्ञान को आगे बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं। अटलांटा कश्यप की भविष्य की भविष्यवाणियां नास्त्रेदमस और बाबा वेंगा जैसे किसी भी भविष्यवक्ता से मेल नहीं खाती हैं क्योंकि अटलांटा केवल आध्यात्मिक मार्ग के माध्यम से मानव की रक्षा के लिए शोध करता है।

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