कानपुर हिंसा के ये है गुनहगार : पुलिस ने 40 संदिग्ध की फोटो जारी की, देखें कौन-कौन है शामिल

कानपुर पुलिस ने नई सड़क पर हिंसा करने वालों का पहला पोस्टर जारी किया है। इसमें 40 आरोपियों के फोटो दिए हैं। पुलिस इस पोस्टर को सोशल मीडिया के जरिए वायरल कर इनकी गिरफ्तारी के प्रयास करेगी। पुलिस ने कहा है कि इन हिंसा करने वालों की सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। जल्द ही अन्य आरोपियों के भी इसी तरह के पोस्टर जारी किए जाएंगे। नई सड़क पर लगे CCTV फुटेज निकाल कर हिंसा करने वालों की पहचान की गई और फिर उनका नाम-पता की जानकारी करने के लिए पोस्टर के रूप में इसे जारी किया गया है।

3 जून को हुई थी कानपुर में हिंसा

3 जून को सुबह से ही बेकनगंज में असहज करने वाला सन्नाटा था। इलाके में ज्यादातर दुकानें मुस्लिम समुदाय के लोगों की थी। जो बंद रखी गई थीं, लेकिन यतीमखाना के पास के बाजार में कुछ हिंदू दुकानदारों ने दुकान खोली थीं।

दोपहर 1:45 बजे यतीमखाना के पास की मस्जिद में जुमे की नमाज अदा की गई। 2.30 बजे के करीब नमाज के बाद लोग बाहर निकले और सीधे बाजार में खुली हुई दुकानों को जबर्दस्ती बंद कराने लगे। हिंदू दुकानदारों ने दुकाने बंद करने से मना किया, तो लोगों के बीच शामिल कुछ अराजक तत्वों ने सबसे पहले चंद्रेश के हाता में घुसकर पथराव शुरू कर दिया। जिसके बाद पूरे इलाके का माहौल बिगड़ गया। इसी बीच भीड़ में शामिल कुछ शरारती तत्वों ने तमंचों से फायर किए।

दोपहर 3 बजे तक बाजार से शुरू हुई घटना अब बवाल का रूप ले चुकी थी। देखते ही देखते परेड चौराहा पर करीब एक हजार लोग इकट्‌ठा हो गए। बवाल शुरू होने के बाद स्थितियां तेजी से बेकाबू हुईं। पुलिस तंग गलियों में घुसकर कार्रवाई नहीं कर पाई।

पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर हुआ था प्रोटेस्ट

भाजपा प्रवक्ता नुपूर शर्मा ने एक टीवी डिबेट में पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी की, जिससे मुस्लिम समुदाय के लोग नाराज थे। मुस्लिम समुदाय के लोग यतीमखाना की सद्भावना चौकी के पास बाजार बंद करा रहे थे। तभी दो समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए, जिसके बाद पथराव हुआ।

बवाल इसलिए भी हुआ क्योंकि, जुमे की नमाज के दौरान ज्यादातर मस्जिदों में हुई तकरीरों में कहा गया कि वे पैगंबर पर की गई किसी भी टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। वहीं, मुस्लिम संगठनों ने बाजार बंद का आह्वान भी किया। पुलिस ने किसी भी इलाके में लोगों को नमाज के बाद प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी। हालांकि, लोग सड़कों पर निकल आए।

कानपुर शहर में 4 घंटे तक चला उपद्रव

परेड चौराहा पर करीब एक हजार लोग इकट्‌ठा हुए। बवाल शुरू होने के बाद स्थितियां तेजी से बेकाबू हुईं। पुलिस तंग गलियों में घुसकर कार्रवाई नहीं कर पा रही थी। हालांकि करीब 4 घंटे तक चले उपद्रव के बाद स्थितियां काबू में आ गईं। पुलिस ने 18 उपद्रवियों को हिरासत में लिया है। वहीं, कानपुर उपद्रव पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई होगी। कोई बख्शा नहीं जाएगा।

सबसे पहले चंद्रेश्वर हाता में हुआ था पथराव

जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग यतीमखाना के बाजार में आए। दुकानें बंद करने का दबाव बनाने लगे। दूसरे धर्म के लोगों ने दुकान बंद करने से मना किया था। नमाजियों के बीच शामिल कुछ अराजक तत्वों ने सबसे पहले चंद्रेश के हाता में घुसकर पथराव कर दिया।

जिसके बाद माहौल बिगड़ गया। भीड़ में शामिल अराजक तत्वों ने तमंचों से फायर भी किए। इसकी जानकारी होने के बाद पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा, ज्वाइंट कमिश्नर आनंद तिवारी भी मौके पर आ गए। पुलिस ने लोगों को नियंत्रित करने के लिए कई राउंड फायर किया। लाठीचार्ज करके लोगों को गलियों में खदेड़ा गया। फिर भी लोग रुक-रुककर पथराव करते रहे। पुलिस ने पूरे एरिया की घेराबंदी कर दी है। फिलहाल कानपुर में तनाव का माहौल बना हुआ है। इस पथराव में करीब 7 लोग घायल हुए हैं। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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