तेरी फुरक़त का ये क़िस्सा नही लिक्खा जाता


भास्कर समाचार सेवा
हल्दौर ।क्षेत्र के गांव छजुपुरा सादात में इमाम मैहदी अ० स० का जन्मदिन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर मौलाना मौहम्मद रज़ी मैहदवी की अध्यक्षता तथा शाही वास्ती व मौहम्मद मैहदी राजा के संचालन में एक महफ़िल ए मक़ासिदा का आयोजन किया गया।
महफ़िल में मौलाना मौहम्मद रज़ी मैहदवी ने कलामे पाक की तिलावत की तथा रईस ज़ैदी ने नाते रसूल पढ़ी
मुख़्तसर ही मिल जाये जिंदगी मदीने की
सौ युगों पा भारी है ज़िंदगी मदीने की
अम्मार ज़ैदी ने अपने कलाम में कहा कि-
मेरे मौला मुझे कुछ कम ना ज़्यादा देदे
मुझको मीसम की तरहां इश्क़ अली का देदे
आमिर ज़ैदी ने कहा कि-
बदबख़्त कबीलों पा हंसी आती है शौकत
मुख़्तार के सहमे हुए क़ायम से लड़ेंगे
सादिक़ रज़ा ने कलाम पेश करते हुए कहा कि –
रंज और ग़म का सफ़ीना नही लिक्खा जाता
तेरी फुरक़त का ये किस्सा नहीं लिक्खा जाता
नायाब हैदर ने कलाम पढ़ा कि-
क़यामत से पैहले क़यामत ना ढाओ
क़यामत है मौला ना आना तुम्हारा
शाही वास्ती ने कहा कि-
कितने बुलाने वालों की रोजी हलाल है
ये आख़री इमाम का पहला सवाल है
मुशायरे में इनके अलावा मौलाना मौहम्मद रज़ी मैहदवी,मुनताज़िर मेहदी,मौहम्मद अब्बास,सफ़दर अब्बास, अली रज़ा, वक़ार हैदर, नाज़िम हुसैन ,मुस्तुफा ज़ैदी,मौहम्मद यासिर सहित अनेक शायरों ने अपने अपने कलाम प्रस्तुत कर इमामे ज़माना में अपनी आस्था प्रकट की । मुशायरे के अंत में देश की एकता अखंडता तथा आपसी भाईचारे और अमनो अमान की दुआ की गई ।

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