
चप्पल बनी मौत का बहाना
पोखर में तीन मासूम के डूबने
से परिवारीजनों व गांव में मची चीख पुकार
भास्कर समाचार सेवा
मथुरा । गुरुवार का दिन गांव मगोर्रा के लिए बड़ा मनहूस साबित हुआ। बेरहम काल ने एक ही परिवार के तीन चिरागों को बुझा दिया। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। प्रशासनिक अधिकारी गांव में पहुंच गए हैं। पुलिस ने बच्चों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
गुरुवार की सुबह मगोर्रा निवासी सुंदर के तीन पुत्र गांव में स्थित पोखर के पास बरगद के वृक्ष की टहनियों से लटक कर खेल रहे थे । तभी तीनों में से किसी एक बच्चे की चप्पल उछल कर तालाब में गिर पड़ी। सोनू चप्पल निकालने के लिए तालाब में गया तो डूब गया।गहरे पानी मे सोनू के चले जाने के बाद पंकज तथा उसका छोटा भाई मोनू भी उसको बचाने के लिये चला गया। इससे तीनों भाई अंदर गहरे पानी मे चले जाने से डूब गए । बताया जा रहा है कि तभी किसी राहगीर की नजर तालाब में डूब रहे बच्चों पर पड़ी तो उसने शोर मचा दिया। तत्काल तालाब के पास ग्रामीण एकत्र हो गए और आनन फानन में बच्चों पर बाहर निकाला। ग्रामीणों द्वारा सोनू पुत्र सुंदर उम्र दस साल निवासी मंगोर्रा उसके छोटे भाई पंकज पुत्र सुंदर लाल उम्र सात साल को गोवर्धन के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।और सबसे छोटे मोनू पुत्र सुंदर उम्र करीब 6 साल को सोंख मथुरा रोड पर स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाया गया।जहां दोनों हॉस्पिटलों के डॉक्टरों द्वारा तीन मासूमो को मृत घोषित कर दिया।गांव में तीनों मासूमो के मौत की सूचना मिलते ही गांव में चीख पुकार मच गई।वही ग्रामीणों द्वारा बताया कि तीनों ही सगे भाई थे।अब चार भाइयों में से सिर्फ एक भाई ही रह गया है।
डॉक्टर नेहा चौधरी द्वारा बताया गया कि मंगोर्रा क्षेत्र से ग्रामीणों द्वारा 108 एम्बुलेंस के जरिये दो मासूमो को यहां लाया गया था।जो कि पहले से मृत थे।और एक जो तीसरा बच्चा था।उसे किसी प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाया गया था।परिजनों द्वारा बताया गया कि उसकी भी मृत्यु हो चुकी है।