देश के उत्तरी और उत्तर पश्चिमी हिस्से में सक्रिय चक्रवाती दबावों के चलते मॉनसून की रफ्तार धीमी हो गई है.
यूपी : मौसम मिज़ाज कुछ ज़्यादा ही बदल रहा है. गर्मी तो बढ़नी ही है लेकिन उसके साथ ही आंधी तूफ़ान का सिलसिला कहर ढा रहा है. रविवार को ही दोपहर बाद अचानक मौसम बदला, दिन में ही अंधेरा छा गया, आंधी के साथ कई जगह बारिश भी हुई लेकिन ये आंधी तूफ़ान अपने साथ कई लोगों की जान भी ले गया. उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश और दिल्ली एनसीआर में मरने वालों की तादाद 75 हो गई जिनमें अकेले यूपी में ही 51 लोग मारे गए और सौ से ज़्यादा घायल हो गए.
कहां कितनी लोगों की हुई मौत
दीवार और पेड़ गिरने से अलग-अलग हादसों में अवध के जिलों में सात लोगों की मौत हो गई. मृतकों में सीतापुर के चार, गोंडा के दो और फैजाबाद के एक शामिल थे. जबकि कन्नौज और कौशांबी में दो-दो और हरदोई में एक की जान गई है. वहीं, लू लगने से बांदा और महोबा में एक-एक की मौत हो गई. मौसम विभाग ने गुरुवार (14 जून) को अलर्ट जारी किया है.
पेड़ के नीचे दबे बच्चे, 2 की मौत, 1 घायल
गोंडा में आंधी-तूफान की वजह से 2 लड़कियों की मौत हो गई जबकि एक बच्चा घायल हो गया है. बताया जा रहा है दोनों मृतक चचेरी बहन हैं. हादसा उस वक्त हुआ जब बारिश से बचने के लिए ये सभी आम के पेड़ नीचे खड़े थे लेकिन तेज आंधी की वजह से पेड़ टूट गया और दोनों लड़कियों की मौत हो गई. बच्चे की हालत गंभीर है जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
सीतापुर में तेज आंधी के साथ हुई जोरदार बारिश हुई. आंधी की वजह से दीवार गिरने से यहां दो भाइयों की मौत हो गई. वहीं, इस हादसे में उनकी मां गम्भीर रूप से घायल हो गई. हादसा सदरपुर थाना इलाके के धरमपुर गांव में हुआ. हादसे के बाद परिवार में मातम का माहौल है.
कौशाम्बी में दो की मौत, 6 घायल
कौशाम्बी में तेज आंधी तूफान की वजह से दो लोगों की मौत हो गई जबकि 6 से ज्यादा लोग घायल हो गए. आंधी की रफ्तार इतनी तेज थी कि जगह-जगह सड़कों के किनारे बड़े-बड़े पेड़ गिर गए. कई इलाकों में घरों के ऊपर पेड़ गिरने से लोग दहशत में आ गए और भाग कर किसी तरह अपनी जान बचाई. जगह-जगह सड़कों के किनारे पेड़ गिरने से घंटो जाम लगा रहा. तेज हवाओं की वजह से कई जगह बिजली के पोल भी टूटकर गिर गए जिससे बिजली सप्लाई ठप हो गई.
Farmers in Gorakhpur complain of damage to their cultivation caused by scorching heat; say, 'the heat has destroyed green vegetables. It's time to spread rice seeds but they will also burn down at this temperature. The delay in cultivation will lead to less productivity & losses pic.twitter.com/3IMHfYrYua
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 13, 2018
गर्म हवाओं ने किसानों की मुश्किलें बढ़ाई
आंधी-तूफान ने आम लोगों के साथ किसानों की परेशानी तो बढ़ा ही रखी है. लेकिन, अब किसानों की परेशानी को गर्म हवाओं ने और भी बढ़ा दिया है. लगातार चल रही गर्म हवाओं के चलते किसानों की फसलें खराब हो रही है. इसका सबसे ज्यादा नुकसान उन किसानों को हो रहा है, जिन्होंने हरी सब्जियों की पैदावार की है. किसानों का कहना है, इस मौसम में वो चावल की खेती के लिए धान की रुपाई कर देते थे. लेकिन लगातार बढ़ रहे तापमान की वजह से वो धान की रुपाई नहीं कर पा रहे हैं
https://youtu.be/0FA-19hW9-s