माहवारी स्वछता दिवस पर किशोरियों को बताए गए संक्रमण से बचने के गुर

सावधानी के साथ कपड़े से बने पैड का करे उपयोग-डा.योगिता

 किशोरियों को जरवल के न्यामतपुर व पयागपुर के चापी गाँव मे किया गया जागरूक

क़ुतुब अन्सारी

बहराइच l कोरोना संकट के बीच विगत वर्ष  की भांति 28 मई को पूरे विश्व मे माहवारी स्वच्छता दिवस मनाया गया।जो कि गत वर्ष इस दिवस की थीम इट्स टाइम फॉर एक्शन के रूप मे है इस मौके पर जनपद के कई ब्लाकों मे किशोरियों के साथ बैठक कर उन्हे माहवारी स्वच्छता की जानकारी दी गयी। लॉक डाउन के कारण किशोरियों को रेगुलर सेनेटरी पैड के विकल्प के रूप में कपड़े से बने पैड के इस्तेमाल की जानकारी दी गयी। साथ ही माहवारी के कारण उन्हे किसी प्रकार का संक्रमण न हो इसके तरीके भी सिखाये गए।

इसी क्रम मे जरवल के नियामतपुर और पयागपुर के चापी मे किशोरियों की बैठक का आयोजन किया गया। नियामतपुर की आशा साधना ने सेनेटरी पैड के विकल्प के रूप मे किशोरियों को कपड़े से बने पैड के इस्तेमाल की जानकारी दी।किशोरियों को बताया कि इन कपड़ों से बने पैड को 4-6 घंटे तक इस्तेमाल किया जा सकता है। पैड बदलने से पूर्व एवं बाद में हाथों की सफाई की जाए, साफ़ सूती कपडे से बने पैड ही इस्तेमाल में लाये जाएं और पैड को अच्छी तरह धोने के बाद धूप में सुखाया जाए ताकि किसी भी तरह के संक्रमण के प्रसार का खतरा कम हो सके। 

राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य की नोडल अधिकारी डॉ योगिता जैन ने बताया जिले में सरकार द्वारा स्कूल न जाने वाली किशोरियों को आंगनवाड़ी केन्द्रों से तथा स्कूल जाने वाली किशोरियों को स्कूलों मे सेनेटरी पैड का वितरण किया जाता है लेकिन लॉकडाउन के कारण स्कूलों के बंद होने से बहुत सी लड़कियों एवं उनके परिवार के अन्य सदस्यों को सेनेटरी पैड उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। लॉकडाउन के कारण सेनेटरी पैड का निर्माण भी बाधित हुआ है जिससे ग्रामीण स्तर के बाज़ारों मे पैड की उपलब्धता भी बेहद प्रभावित हुयी है।गाँव के जो लोग जिला स्तर से सेनेटरी पैड की खरीदारी कर सकते थे, वह  भी लॉकडाउन के कारण यातायात साधन उपलब्ध नहीं होने से वहां तक आसानी से पहुँच नहीं पा रहे हैं।ऐसी स्थिति मे कुछ सावधानियाँ अपनाकर विकल्प के रूप मे कपड़े से बने पैड का इस्तेमाल किया जा सकता है।

राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक राकेश गुप्ता के अनुसार जनपद मे स्कूल जाने वाली 72355 किशोरियाँ तथा स्कूल न जाने वाली 59412 किशोरियों को राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत शामिल किया गया है।इन किशोरियों को विभिन्न बैठकों के माध्यम से मासिक स्वच्छता, इस्तेमाल किए गए पैड का निस्तारण, एनीमिया से बचाव की जानकारी दी जाती है।

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