पूरे विश्व में करीब 90 मिलियन ऐसी महिलाएं है जो एंड़ोमेट्रियोसिस की बीमारी से परेशान है। जिन महिलाओं को एंड़ोमेट्रियोसिस होता है उनकी बच्चेदानी के अंदर लाइनिंग जैसा कुछ बन जाता है जो माहवारी के समय बाहर निकलता है।
एंड़ोमेट्रियोसिस उन महिलाओं में होता है जो रिप्रोडक्टिव ऐज (15-40 वर्ष) में होती है। अर्थात जिस उम्र में उनको पीरियड आ रहे होते है। एंड़ोमेट्रियोसिस की बीमारी हो जाने के बाद महिला का मासिक चक्र बुरी तरीके से प्रभावित होता है। एंड़ोमेट्रियोसिस से महिला का पूरा प्रजनन तंत्र बिगड़ सकता है क्योंकि गर्भाशय के अंदर के ऊतर इसके बाहर आने लगते है जोकि एक बहुत बड़ा खतरा है।
एंड़ोमेट्रियोसिस की समस्या का उपचार आयुर्वेद में है जिससे बहुत ही जल्दी इस समस्या से निजात मिल जाती है।
- अलसी के बीज
- कैस्टर ऑयल
- शहद
- अदरक
- हल्दी
- हॉट वाटर (गर्म पानी की सिकाई)
- नियमित रुप से योग एवं व्यायाम करें एवं संतुलित भोजन करें।
इन सभी के अतिरिक्त पंचकर्म एवं उत्तर बस्ती चिकित्सा के द्वारा भी एंड़ोमेट्रियोसिस का त्वरित इलाज किया जाता है। पंचकर्म में कुछ थेरेपी है जो मरीज की स्थिति एवं अवस्था के आधार पर दी जाती है।
यह सभी आयुर्वेदिक उपाय एवं उपचार आशा आयुर्वेदा की निःसंतानता विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा से बातचीत के दौरान प्राप्त हुए है। यदि आप निःसंतानता से संबंधित किसी भी समस्या के उपचार पर विचार-विमर्श करना चाहती है तो आशा आयुर्वेदा केन्द्र में संपर्क करें…..