
कैसरगंज/बहराइच l हुकुम सिंह इंटर कॉलेज कैसरगंज प्रबंधक विजय कुमार सिंह एडवोकेट व उनके जेष्ठ पुत्र अजय कुमार सिंह के आकस्मिक निधन की सूचना प्राप्त होने के पश्चात दो दिवसीय लाॅकडाउन के बाद विद्यालय खुलने के उपरांत प्रधानाचार्य डॉ.घनश्याम लाल श्रीवास्तव के संयोजन में विद्यालय परिसर में शोक सभा आयोजित कर उपस्थित शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों द्वारा प्रबंधक विजय कुमार सिंह एडवोकेट व उनके जेष्ठ्य पुत्र अजय कुमार सिंह दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।
विद्यालय परिवार द्वारा प्रबंधक स्वर्गीय विजय कुमार सिंह एडवोकेट व उनके जेष्ठ्य पुत्र अजय कुमार सिंह के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हुए उन्हें अपने श्रीचरणों में स्वर्ग में स्थान देने एवं कमियार परिवार, समस्त विद्यालय प्रबंधन एवं परिवार को इस संकट की घड़ी में दु:ख सहने की क्षमता प्रदान करने की प्रार्थना की गई।
विद्यालय परिवार द्वारा प्रबंधक स्वर्गीय विजय कुमार सिंह एडवोकेट व उनके जेष्ठ्य पुत्र अजय कुमार सिंह के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हुए उन्हें अपने श्री चरणों में स्वर्ग में स्थान देने एवं परिवार को इस संकट की घड़ी में दु:ख सहने की क्षमता प्रदान करने की प्रार्थना की गई। ईश्वर मृतात्मा को शांति प्रदान करें, अपने श्रीचरणों में स्वर्ग में स्थान दें तथा दु:ख की घड़ी में परिवार व शुभचिंतकों को इस असीम दु:ख को सहने की शक्ति प्रदान करें।
विद्यालय प्रधानाचार्य डॉ.घनश्याम लाल श्रीवास्तव प्रबंधक स्वर्गीय विजय कुमार सिंह एडवोकेट के कार्यों को याद करते हुए कहा कि विद्यालय परिवार के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है, विद्यालय परिवार सदैव हुतात्मा स्व. विजय कुमार सिंह एडवोकेट जैसे अभिभावक का सदैव ऋणी रहेगा, जिन्होंने विद्यालय के विकास में कदम से कदम मिलाकर विद्यालय परिवार का सहयोग करते हुए विद्यालय को एक नई ऊर्जा व नई ऊंचाई प्रदान की।
शोक संवेदना व्यक्त करने की से पूर्व विद्यालय प्रधानाचार्य डॉ.घनश्याम लाल श्रीवास्तव शिक्षक वी.पी.सिंह वरिष्ठ लिपिक दिनेश कुमार सिंह, शिक्षक कमलेश कुमार सिंह, संपूर्णानंद गुप्ता, शिक्षणेत्तर कर्मचारी विजय प्रताप सिंह, अशोक कुमार पाठक, कुमार मंगलम, कमरुद्दीन, जगदीश चौरसिया, राम सूरत व प्रधानाचार्य पुत्र शाश्वत श्रीवास्तव आदि ने प्रबंधक स्वर्गीय विजय कुमार सिंह जी एडवोकेट व उनके जेष्ठ्य पुत्र स्व. अजय कुमार सिंह जी के छाया चित्र पर पुष्प माल्यार्पण कर नमन व श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए नम आंखों से भावभीनी श्रद्धांजलि दी।