झारखंड में ट्रिपल मर्डरः पत्नी और दो बच्चो को उतारा मौत के घाट उतारने वाले सिपाही को भेजा जेल

रांची । पत्नी व बेटा-बेटी को मौत के घाट उतारने वाले स्पेशल ब्रांच के सिपाही ब्रजेश तिवारी को मंगलवार को रिम्स से डिस्चार्ज करने के बाद अपर न्यायिक दंडाधिकारी वैशाली श्रीवास्तव की अदालत में पेश किया गया। जहां से उसे 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में होटवार जेल भेज दिया गया।

जेल भेजे जाते समय मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए ब्रजेश ने कहा कि उसे अपने किए का कोई पछतावा नहीं है। जेल से छूटकर बेटी के प्रेमी को भी मार दूंगा।   आरोपित बडग़ाईं के चित्रगुप्त नगर में ब्रिटिश पब्लिक स्कूल के पास बलदेव साहू के मकान में किराये पर रहता था। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार की रात जवान ने अपनी पत्नी रीना तिवारी (35), बेटी खुशबू कुमारी (15) व पुत्र बादल तिवारी (13) की हथौड़े व चाकू से मार कर हत्या कर दी थी। तीनों को मारने के बाद जवान ने खुद भी जहरीला पदार्थ खाकर जान देने की कोशिश की।

ब्रजेश तिवारी मूल रूप से पलामू के रेहला थाना क्षेत्र के तुलरा गांव का रहने वाला है। वर्तमान में वह विशेष शाखा के डीएसपी मनीष टोप्पो के चालक के रूप में कार्यरत था। घटना के बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया है।

पुलिस के अनुसार, ब्रजेश तिवारी विशेष शाखा में डीएसपी का चालक है। उसने शुक्रवार शाम सात बजे डीएसपी से यह कहकर छुट्टी ली कि उसकी पत्नी मायके गढ़वा से आ रही है, उसे लाने जाना है। स्टेशन से वह पत्नी को लेकर घर पहुंचा। रात में बेटी के प्रेम प्रसंग को लेकर बहस हुई। इसी दौरान ब्रजेश बेटी से उलझ पड़ा और बेडरूम के पास पड़े हथौड़े से हमला कर उसकी हत्या कर दी। बीच-बचाव कर रही पत्नी-बेटे को भी हथौड़े से मार डाला। तीनों की हत्या के बाद ब्रजेश ने खुद चूहा मारने वाला जहर खा लिया और शराब भी पी। रिम्स के इमर्जेंसी वार्ड में भर्ती ब्रजेश का फर्द बयान पुलिस ने दर्ज किया।

आरोपी ने कहा- हथौड़े से हमले के बाद बेटी और पत्नी छटपटाने लगीं, उनके प्राण जल्दी निकले इसलिए चाकू से गला रेत दिया
बेटी ने एक अंजान लड़के के लिए पिता के 15 साल के प्यार काे भुला दिया। उसके लिए मुझे छाेड़ने काे तैयार हाे गई। उसने मुझे समाज में मुंह दिखाने के लायक नहीं छाेड़ा था। मेरे परिवार काे कलंकित कर दिया। फिर मैंने साेचा, मेरे जाने के बाद मेरी पत्नी अाैर मेरे बेटे काे काैन देखेगा? लाेगाें के ताने सुनकर ही वे मर जाएंगे। इसलिए मैंने उन्हें भी मार दिया। शुक्रवार शाम 7 बजे ड्यूटी से छूटने के बाद नाश्ता किया। रात 9:30 बजे पत्नी काे लेने रेलवे स्टेशन पहुंचा। पत्नी काे लेकर रात 10 बजे घर पहुंचा। बेटी माेबाइल पर थी अाैर बेटा ब्रेड-दूध खा रहा था। पत्नी ने बेटी का माेबाइल छीनकर उसे कमरे में बंद कर दिया अाैर उसके प्रेम-प्रसंग के बारे में मुझे बताने लगी। मैंने बेटी काे अपने पास बुलाया। बेटा अाैर पत्नी भी वहीं थे। मैंने बेटी काे डीएवी बरियातू में पढ़ रहे छात्र के साथ दाेस्ती ताेड़ने की बात कही। उसने मेरी बात नहीं मानी। बात अागे बढ़ी। मैंने हथाैड़ी से पहले उसके ललाट, फिर सिर पर मारा। पत्नी व बेटा बचाने अाए तो उनके सिर पर भी हथाैड़े से वार किया। पत्नी और बेटी छटपटाने लगीं तो उनके प्राण जल्दी निकल जाएं, इसलिए चाकू से गला रेत दिया। इसके बाद फोन कर अपने ससुर को पूरी घटना बताई। मुझे अपने किए पर काेई अफसाेस नहीं है। कानून मुझे उम्रकैद की सजा दे या फिर फांसी, बदनामी के दर्द से ये सभी कम हैं। -रिम्स में भर्ती आरोपी ब्रजेश तिवारी ने जैसा बताया…

बच्चों के शव फर्श पर पड़े थे, बिस्तर पर पत्नी की लाश के पास घंटों बैठा रहा ब्रजेश
बड़गाईं में हुई ट्रिपल मर्डर की घटना से पूरे इलाके के लोग स्तब्ध थे। लोग यह नहीं समझ पा रहे थे कि जिस व्यक्ति को उनलोगों ने कभी तेज आवाज में बात करते नहीं सुना, वह खुद अपने घर में अपनी पत्नी, बेटी और बेटे को कैसे मार सकता है। पड़ोसियों से ज्यादा उक्त घर में रहनेवाले रेंटर व मकान मालिक चकित थे, क्योंकि तीन लोगों की हत्या रात में हो गई और उन्हें भनक तक नहीं लगी। जिस मकान में ब्रजेश तिवारी रहता था, उस कमरे के ठीक बगल में दूसरे रेंटर पहले तल्ले में रहते हैं। उन्हें भी किसी की आवाज सुनाई नहीं दी।

वहीं, नीचे रहने वाले मकान मालिक को भी हत्या के करीब डेढ़-दो घंटे बाद तब जानकारी मिली, जब ब्रजेश के रिश्तेदार रात 11.30 बजे उन्हें पंडरा से आकर जगाए। मकान मालिक जब ब्रजेश के रिश्तेदारों के साथ ऊपर कमरे में पहुंचे तो ब्रजेश अपनी पत्नी व बच्चों के शवों के साथ बिस्तर पर बैठा हुआ था।

मकान मालिक ने बताया… घर से आवाज नहीं आती थी हत्या के वक्त भी पुकारा नहीं
मकान मालिक बलदेव साहू ने बताया कि ब्रजेश तिवारी डेढ़ साल से उनके घर में किराए पर रह रहा था। कभी उनकी कोई शिकायत नहीं मिली। हत्या की खबर सुनने के बाद आसपास के 150 से ज्यादा महिला-पुरुष वहां जुट गए थे। सुबह 8 बजे से ही वहां लोग जुटने लगे थे। दोपहर 3:30 बजे जब शवों को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा, तब जाकर भीड़ छंटी। ब्रजेश तिवारी की पत्नी, बेटी व बेटे के शव को देखने के लिए लोग जुटे हुए थे।

खबर सुनते ही साथी पुलिस वाले भी पहुंचे
ब्रजेश तिवारी ने अपनी पत्नी, बेटी और बेटे की हत्या कर दी है, यह खबर सुनकर उसके साथी पुलिस कर्मी बड़गाईं पहुंच गए थे। सभी यही कह रहे थे कि अगर उसे कोई परेशानी थी, तो अपनी पत्नी से बात करनी चाहिए थी। उसने बच्चों की हत्या क्यों की। अगर, बच्चों से परेशानी थी तो उसे दूर किया जा सकता था। साथियों ने कहा कि हत्या करना किसी भी समस्या का समाधान नहीं है।

लड़की से संबंध जुड़ रहे लड़के की हो रही तलाश
जिस लड़के का नाम ब्रजेश की बेटी के साथ जोड़ा जा रहा है, उसे अब पुलिस ढूंढ रही है। पुलिस को दो लड़कों के नाम मिले हैं। दोनों नाम पर पुलिस जांच-पड़ताल कर रही है। पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि उक्त लड़का ब्रजेश तिवारी की बेटी के साथ ही पढ़ता था। अक्सर, वह उस मुहल्ले में दिखता था। पुलिस का भी कहना है कि ये सब अनुसंधान का हिस्सा है। पूरे मामले में गहराई से पड़ताल की जाएगी और कार्रवाई भी होगी। पुलिस जल्द ही उन लड़कों तक पहुंचेगी।

यकीन नहीं…मिलनसार ब्रजेश ने परिवार को कैसे जुदा कर दिया
झारखंड पुलिस के स्पेशल ब्रांच में कार्यरत सिपाही ब्रजेश तिवारी शनिवार को पुलिस मुख्यालय में चर्चा का विषय बना हुआ था। स्पेशल ब्रांच में कार्यरत अफसर व सिपाहियों ने बताया कि ब्रजेश का आचरण बहुत अच्छा है। वह मिलनसार प्रवृत्ति का इंसान है। ड्यूटी में पंक्चुअल है। वर्तमान में वह स्पेशल ब्रांच में पदस्थापित एक डीएसपी के साथ है। उनकी गाड़ी चलाता है। अफसरों के अनुसार, तिवारी एक बेहतर चालक है। समय पर आना, समय पर जाना, कभी किसी को कोई परेशानी नहीं बताई।

यह तो इंतहा है…अस्पताल जाने को तैयार नहीं था, बहनोई को लात से मारा
पंडरा में रहने वाले ब्रजेश के बहनोई उमेश तिवारी ने बताया कि रात 11.30 बजे वे एक संबंधी के साथ बड़गाई स्थित आवास पहुंचे और मकान मालिक बलदेव साहू को जगाया। कहा- ब्रजेश तिवारी के घर में कुछ हुआ है। ब्रजेश ने गढ़वा फोन कर ससुर बी. पांडेय को बताया कि कुछ घटना हो गई है। इस पर बलदेव और उसके परिजन पहले तल्ले पर ब्रजेश के कमरे में गए तो देखा कि दोनों बच्चे खुशबू और बादल के शव फर्श पर पड़े हुए हैं और रीना का शव बिस्तर पर पड़ा है, उसके पास ही ब्रजेश बैठा हुआ है। उमेश ने जब देखा कि ब्रजेश ने भी जहर खा रखा है तो उसे उठा कर अस्पताल चलने को कहा, लेकिन ब्रजेश ने गुस्से में उसे लात मारकर हटा दिया। मकान मालिक और उमेश ने तुरंत पुलिस को फोन किया। पीसीआर-9 रात करीब 12.00 बजे वहां पहुंची और हत्या की जानकारी वरीय पुलिस अधिकारियों को भी दी।