UK के साथ Free Trade Agreement: भारत के लिए क्या होगा गेमचेंजर? किस सेक्टर को कितना मिलेगा फायदा…पढ़ें टॉप 10 पॉइंट्स

भारत और ब्रिटेन के बीच हुआ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) भारत को 99% उत्पादों पर शुल्क-मुक्त बाजार पहुंच दिलाएगा, जिससे निर्यात और रोजगार में वृद्धि होगी. यह डील सेवा क्षेत्र के पेशेवरों के लिए UK में अवसर खोलेगी और सामाजिक सुरक्षा में राहत देगी. समझौते से निवेश, सरकारी खरीद और बौद्धिक संपदा जैसे क्षेत्रों में पारदर्शिता बढ़ेगी. यह भारत को वैश्विक व्यापार में एक मजबूत और भरोसेमंद साझेदार बनाएगा.

India UK Free Trade Agreement: भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच हुआ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. यह समझौता 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार को 120 अरब डॉलर तक दोगुना करने का लक्ष्य लेकर आया है. किसी विकसित राष्ट्र के साथ भारत का यह एक दशक में सबसे व्यापक व्यापार समझौता है. इस समझौते के तहत भारत के लगभग 99% उत्पादों को ब्रिटेन में शून्य शुल्क (ड्यूटी-फ्री) बाजार मिलेगा.

इससे खासतौर पर टेक्सटाइल, जूते-चप्पल, चमड़ा, ऑटो पार्ट्स, रत्न और आभूषण जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों को बड़ा फायदा होगा. इन पर फिलहाल UK में 4% से 16% तक शुल्क लगता है. शुल्क समाप्त होते ही भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धा शक्ति बढ़ेगी, जिससे निर्यात में तेज़ी और घरेलू उत्पादन व रोजगार को बल मिलेगा. उदाहरण के तौर पर, चमड़ा उद्योग को आगामी दो वर्षों में UK में 5% अतिरिक्त बाजार हिस्सेदारी मिलने की संभावना है, जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग उत्पादों का निर्यात 2030 तक दोगुना हो सकता है.

FTA से भारत को क्या फायदा होगा?

  1. दोगुना होगा भारत-ब्रिटेन व्यापार: FTA के तहत 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को $120 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है.
  2. 99% भारतीय उत्पाद होंगे टैक्स-फ्री: भारत के करीब 99% निर्यात अब UK में बिना आयात शुल्क (duty-free) के भेजे जा सकेंगे.
  3. टेक्सटाइल-चमड़ा उद्योग को बढ़त: अब टेक्सटाइल, चमड़ा, जूते, गहने, ऑटो पार्ट्स जैसे उत्पाद UK में सस्ते मिलेंगे, जिससे भारत का निर्यात बढ़ेगा.
  4. इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग निर्यात में उछाल: इन सेक्टर्स का निर्यात 2030 तक दोगुना हो सकता है.
  5. भारतीय पेशेवरों के लिए UK जाना होगा आसान: शेफ, योगा टीचर, म्यूजिशियन और IT प्रोफेशनल्स के लिए UK में काम करने के नियम होंगे आसान.
  6. ₹4000 करोड़ की सामाजिक सुरक्षा छूट: UK में तैनात भारतीय वर्कर्स को 3 साल तक नेशनल इंश्योरेंस नहीं देना होगा, जिससे हर साल करीब ₹4000 करोड़ की बचत होगी.
  7. सरकारी टेंडर में हिस्सा ले सकेंगी UK कंपनियां: UK की कंपनियां अब भारत में ₹200 करोड़ से ऊपर के टेंडर में बोली लगा सकेंगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी.
  8. FDI (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) में तेजी: FTA से भारत वैश्विक निवेशकों के लिए और अधिक आकर्षक गंतव्य बन जाएगा.
  9. उपभोक्ताओं को मिलेगा फायदा: भारत में कुछ आयातित मेडिकल डिवाइसेस और लक्ज़री आइटम्स की कीमतें घटेंगी.
  10. भारत की ग्लोबल ब्रांडिंग होगी मजबूत: यह समझौता भारत को एक भरोसेमंद व्यापार साझेदार के रूप में पेश करता है, खासकर विकसित देशों के साथ.

FTA से भारत के सेवाक्षेत्र को मिलेगा खासा लाभ

FTA से भारत के सेवाक्षेत्र को भी खासा लाभ मिलेगा. अब भारतीय शेफ, योग प्रशिक्षक, संगीतज्ञ और अन्य पेशेवरों को ब्रिटेन में काम करने में आसानी होगी. व्यापारिक यात्रियों, निवेशकों और मल्टीनेशनल कंपनियों के कर्मचारियों के लिए भी नियम सरल किए गए हैं. एक अहम प्रावधान के तहत, UK में अस्थायी रूप से काम कर रहे भारतीय पेशेवरों को तीन साल तक सामाजिक सुरक्षा अंशदान से छूट मिलेगी. इससे सालाना करीब ₹4000 करोड़ की बचत होगी. इससे भारत की आईटी, वित्तीय और प्रोफेशनल सेवाओं को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा मिलेगा.

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खरीद-फरोख्त में पारदर्शिता और विदेशी निवेश को प्रोत्साहन

समझौते में सरकारी खरीद (Public Procurement) के लिए भी विशेष प्रावधान हैं. अब ब्रिटिश कंपनियां ₹200 करोड़ से अधिक के केंद्रीय सरकारी टेंडर में हिस्सा ले सकेंगी (गैर-संवेदनशील क्षेत्रों में). इससे भारतीय कंपनियों में प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ेगी और पारदर्शिता व नवाचार को बढ़ावा मिलेगा.

FDI के लिए भारत बनेगा आकर्षण का केंद्र

FTA से यह संदेश भी जाता है कि भारत अब वैश्विक व्यापार में खुलापन दिखा रहा है और बाधाओं को कम कर रहा है. इससे भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आकर्षित होगा और देश की आर्थिक विश्वसनीयता में वृद्धि होगी.

उपभोक्ताओं को राहत, निर्यात में उछाल

इस व्यापक समझौते के चलते भारत में कुछ आयातित वस्तुओं जैसे मेडिकल उपकरण और लक्ज़री उत्पादों की कीमतें घट सकती हैं. वहीं, भारतीय निर्यातकों को नए अवसर मिलेंगे, जिससे देश की आर्थिक शक्ति और ब्रिटेन के साथ संबंध और मज़बूत होंगे.

 

 

 

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