आज़ाद भारत की बेबस तस्वीर, जलभराव से त्रस्त होकर ग्रामीणो ने खुद बनाया पुल

चारो ओर से जल भराव हो जाने के टापूबना लकड़ी मंडी मोहल्ला

ग्रामीणो का आरोप जिम्मेदारो ने नही सुना तो खुद बना लिया लकड़ी का पुल

मिहींपुरवा/बहराइच l आज़ादी के बाद से देश में निरंतर विकास हो रहा है किंतु कहीं कहीं जनप्रतिनिधियों की ओर से विकास कार्यो में लापरवाही के चलते ग्रामीणो‌ को काफी दुश्वारियों का   सामना उठान पड़ता है । ऐसे ही एक तस्वीर शुक्रवार को मिहींपुरवा कस्बे के लकड़ीमंडी मोहल्ले में देखने को मिली जहां जलभराव से त्रस्त आकर ग्रामीणो ने खुद ही लकड़ी के पटरो को आपस में जोड़ कर पुल निर्माण कर लिया। मिहींपुरवा व मोतीपुर ग्रामपंचायत के बार्डर पर स्थित लकड़ी मंडी मोहल्ले में ग्रामीणो की ओर से बनाया गया यह पुल विकास कार्यो में लापरवाही की कहानी को दर्शाता है।
ग्रामीणो ने बताया कि लकड़ी मंडी मोहल्ले में स्थित डा.तारिक ज़िया के आवास तक पहुंचने वाले मार्ग पर  चारों ओर से पानी से भर जाने के कारण लकड़ी मंडी का एक हिस्सा टापू बन चुका है । हम लोगो ने सड़क निर्माण एंव मिट्टी पटाई हेतु ग्राम प्रधान से कई बार अनुरोध किया किंतु  दो ग्राम सभाओं के बार्डर होने एंव जनप्रतिनिधियों के उदासीनता के चलते रोड निर्माण नही हो सका । राहगीरो की परेशानियो को देखते हुये  ग्रामीणो ने आपसी सहयोग के जरिये लगभग 9 हजार की लागत का 30 फुट लम्बे लकड़ी के पुल का निर्माण कर लिया।  राहगीर अब बिना पानी में उतरे इस पुल के जरिये पैदल रास्ता पार कर है। ग्रामीणो की ओर से लकड़ी के पटरो को जोड़ कर इस तरह बनाया गया पुल क्षेत्र में चर्चा का विषय है।
मोतीपुर एंव मिहींपुरवा के ग्राम विकास अधिकारी शैलेश सिंह ने उक्त मार्ग के संदर्भ में कहा कि ग्राम प्रधान की ओर से कार्ययोजना में अंकित सभी मार्गो पर वित्तीय स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य कराया जायेगा।