कुलपति ने किया शुभारंभ, सुबह दस बजे से मिलेगा ई-रिक्शा
भास्कर समाचार सेवा
मेरठ। महिलाओं और लड़कियों को विश्वविद्यालय में यदि काम है। उनके पास कोई वाहन नहीं है तो उनको पैदल जाने की जरूरत नहीं है। क्योंकि अब उनको विश्वविद्यालय के जिस भी विभाग में जाना है तो विश्वविद्यालय ई-रिक्शा से गंतव्य तक पहुंचाएगा।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने महिलाओं, लड़कियों, वृद्ध और विकलांग के लिए ई-रिक्शा सुविधा शुरू की है। कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने बुधवार को ई-रिक्शा का शुभारंभ किया। यह ई-रिक्शा प्रतिदिन सुबह दस से शाम पांच बजे तक विश्वविद्यालय के गेट पर खड़ा रहेगा। यह ई-रिक्शा महिलाओं, लड़कियों, वृद्ध और विकलांग को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के गेट से विवि के जिस भी विभाग में कार्य है उस विभाग तक पहुंचाएगा। इस दौरान प्रो. विघनेश कुमार त्यागी, इंजीनियर मनीष मिश्रा, मितेंद्र कुमार गुप्ता, इंजीनियर विकास त्यागी, इंजीनियर मनोज कुमार आदि मौजूद रहें।
कुलपति ई-रिक्शा से गई ऑफिस
कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ई-रिक्शा का उदघाटन करने के बाद विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से ऑफिस तक ई रिक्शा से बैठकर गई। उनके साथ कुलसचिव धीरेंद्र कुमार वर्मा और वरिष्ठ आचार्य प्रो. वाई विमला भी गई।
कुलपति ने चलाया ई-रिक्शा
कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने उदघाटन करने के बाद ई-रिक्शा को स्वयं चलाया। कुलपति ने मुख्य द्वार से राजा महेंद्र प्रताप पुस्तकालय तक और पुस्तकालय से गेट तक ई रिक्शा चलाया। इसके बाद कुलसचिव धीरेंद्र कुमार ने स्वयं ई-रिक्शा चलाते हुए विश्वविद्यालय का एक राउंड लगाया।
जल्द आएगा एक और ई-रिक्शा
कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला एक और ई-रिक्शा को खरीदने के आदेश दिए। निर्देश दिए कि दोनों ई-रिक्शा विश्वविद्यालय के गेट पर प्रात: 10 बजे से सांयकाल तक खड़े रहेंगे। महिलाओं, लड़कियों, वृद्ध और विकलांग यदि कोई आता है तो विश्वविद्यालय में जहां भी उनको जाना है वहां पर छोड़कर वापस विश्वविद्यालय के गेट पर आकर खड़ा होगा।
सोलर से चार्ज होगा ई-रिक्शा
विश्वविद्यालय पर जिस ई-रिक्शा का शुभारंभ किया है, उसको चार्ज करने के लिए ई-रिक्शा पर ही सोलर पैनल लगाया गया है। उसी सोलर पैनल से वह चार्ज होगा। इसके अलावा बिजली से भी वह चार्ज हो जाएगा।